मांडू के क्या कहने। बरसात के मौसम के पर्यटन स्थल की बात हो तो मांडू का नाम ऐसे 2-4 हिल स्टेशनों में प्रमुखता से शामिल हो जाता है, जहां बारिश के मौसम का आनन्द कई गुना बढ़ जाता है। यहां का बेस्ट सीजन ही मानसून है। 13वीं शताब्दी के अंत में इसे मालवा के राजा ने बसाकर इसे शदियाबाद यानी खुशियों के शहर का नाम दिया। इसके बाद इस पर राज करने वाले हर शासक ने इसे किसी न किसी खास इमारत का तोहफा दिया। इन खास इमारतों में से कुछ बाज बहादुर और रानी रूपमति की प्रेम कहानी भी पूरे दिल से सुनाती हैं। 

स्थिति

यह शहर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 283 किलोमीटर की दूरी पर और इंदौर से सिर्फ 99 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मांडू की संस्कृति भी विविधतापूर्ण है और खासकर सितम्बर-अक्टूबर के मध्य यहां मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी व्रत भी इस मौसम में पर्यटकों की पसंद में शामिल हो जाता है। 

मुख्य आकर्षण

दरवाजे 

मांडू लगभग 45 किलोमीटर लंबी दीवारों से घिरा है और इनमें 12 दरवाजे हैं। इनमें मुख्य है दिल्ली दरवाजा, जहां तक पहुंचने के लिए कई और दरवाजों से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, रामपोल दरवाजा, जहांगीर गेट और तारापुर गेट भी देखने लायक हैं। 

जहाज महल 

जहाज की शेप में बना यह महल 120 मीटर लंबा है। खूबसूरत व दो मंजिला यह महल दो आर्टिफिशल लेक्स, मुंज तालाब व कापुर तालाब के बीच में है। कहा जाता है कि इसे सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी ने अपने हरम के लिए बनवाया था। पेवेलियन, बालकनी और ओपन टैरेस वाला यह महल पत्थर के जरिए राजसी शानो-शौकत दिखाता है। चांदनी रात में इसे पास स्थित तवेली महल से देखना एक यादगार नजारा पेश करता है। 

हिंडोला महल 

हिण्डोला महल एक शानदार गुंबद है, जिसकी दीवारें अंदर की ओर झुकी हुई हैं। ग्यासुद्दीन के राज के दौरान बने इस महल को इसका नाम स्लोप वाली दीवारों के चलते मिला। वैसे, इसमें आपको उस समय के हिसाब से कई दिलचस्प तकनीके देखने को मिलेंगी। इसके पश्चिम में और भी कई इमारते हैं, जिन्हें आज पहचान पाना मुश्किल है, लेकिन इनकी तब की शान आज भी देखी जा सकती है। इसके बीच में शानदार चंपा बावड़ी है, जहां पानी को ठंडे और गर्म करने की व्यवस्था भी की गयी है। 

होशांग शाह का मकबरा 

जामा मस्जिद के ठीक पीछे होशंग का मकबरा है जिसमें संगमरमर की सुन्दर जालियाँ देखते ही बनती हैं। यह मकबरा अफगानी आर्किटेक्चर का एक बेहतरीन नमूना है। उस वक्त भी इसकी इतनी चर्चा थी कि इसके गुंबद के स्टाइल और नजाकत भरे संगमरमर के काम को देखने के लिए शाहजहां ने अपने दरबार के चार नामी आर्किटेक्ट भेजे थे। इनमें से एक उस्ताद हामिद था, जो ताज महल का डिजाइन तैयार करने वालों में से एक था।

जामा मस्जिद 

यह सन् 1454 में बनवाया गया मस्जिद है, जो कि अफगान वास्तुकला का अद्वितीय नमूना है। हालांकि यह मस्जिद बेहद सादगी से बनाई गई है, लेकिन इसके आर्क, गुंबद, खंभों वगैरह का अरेंजमेंट वाकई दिलचस्प है। 

अशर्फी महल 

होशांग शाह के परिवार के महमूद खिलजी ने इस ‘सोने के सिक्कों के महल’ को बनवाया था। जामा मस्जिद के विपरीत दिशा में बना यह महल एक मदरसे के तौर पर काम आता था। वैसे, इस महल में एक सात मंजिला टावर भी बना है, जिसे महमूद ने मेवाड़ के राणा खंबा को हराने के बाद बनवाया था। फिलहाल इस टावर की एक ही मंजिल के अवशेष बाकी हैं। 

रानी रूपमती का महल

मांडू किले के अन्तिम किनारे पर स्थित इस भवन को बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेमकथा का प्रतीक कहा जाता है। पहाड़ी की चोटी पर बने इसके गलियारे से रानी रूपमती बाज बहादुर के महल और नीचे बहती नर्मदा नदी के नजारों को निहारा करती थी।

इन्हें भी देखें 

मांडू में कुछ ऐसे स्मारक भी हैं, जो किसी श्रेणी में नहीं आते, लेकिन देखने लायक हैं। इन्हीं में एक है नीलकंठ। पहाड़ी की उंचाई पर बना यह एक पुराना शिव मंदिर है, जहां आज भी लोग पूरी आस्था के साथ जाते हैं। इसी के पास नीलकंठ महल है, जिसे बादशाह अकबर की एक हिंदू पत्नी के लिए बनवाया गया था। यह महल मुगल आर्किटेक्चर का एक बेहतरीन नमूना है। साथ ही, हाथी महल, दरिया खान का मकबरा, दाई का महल, जाली महल जैसी जगहें भी हैं, जो अपने नामों की तरह ही दिलचस्प हैं। इनके अलावा, ईको प्वाइंट, लोहानी केव्स, सनसेट प्वाइंट वगैरह भी ऐसे टूरिस्ट प्वांइंट्स हैं, जहां गए बिना आप मांडू का पूरा मजा नहीं ले पाएंगे।

मांडू यात्रा के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय

मांडू यात्रा में एक चरम जलवायु का आनंद प्राप्त होता है। इस यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम बरसात का मौसम है, अर्थात् जुलाई से सितंबर माह को समय को इस यात्रा के लिए सर्वथा उपयुक्त माना जाता है। मानसून के इस मौसम में प्राकृतिक वातावरण पूर्ण रूप से खिला हुआ होता है और यात्रा अत्यन्त आनन्ददायक हो जाती है।

कैसे पहुंचें

वायुमार्ग – निकटस्थ हवाई अड्डा इंदौर।

रेलमार्ग – निकटस्थ रेलवे स्टेशन इंदौर तथा रतलाम।

सड़क मार्ग – मांडू मध्य प्रदेश के प्रायः सभी प्रमुख नगरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।

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