चम्बा [हिमाचल प्रदेश] ।। मणिमहेश तीर्थयात्रा के तहत भगवान शिव की पवित्र छड़ी यात्रा सोमवार को यहां ढोलक की थाप और शहनाई की गूंज के बीच शुरू हो गई।]

अपर जिलाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि चम्बा शहर के 1,000 साल पुराने लक्ष्मी नारायण मंदिर से ‘छड़ी यात्रा’ शुरू हो गई है।

यह यात्रा पांच सितम्बर को राधाअष्टमी यानी भगवान कृष्ण की सखी राधा के जन्मदिन के दिन मणिमहेश झील पहुंचेगी। हिम खंडों से भरी अंडाकार पवित्र मणिमहेश झील में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है।

यह 15 दिवसीय मणिमहेश यात्रा चम्बा जिले के आंतरिक स्थलों से आधिकारिक रूप से 22 अगस्त को शुरू हो गई थी।

कुमार ने बताया कि अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों ने मणिमहेश तीर्थयात्रा की है।

हर साल यहां से 65 किलोमीटर दूर हडसर आधार शिविर से श्रद्धालु 14 किलोमीटर की यह यात्रा करते हैं। मणिमहेश झील पर पहुंचने के बाद वे वहां से कैलाश पर्वत के दर्शन करते हैं और वहां प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है।

ऐसा कहा जाता है कि श्रद्धालुओं को कैलाश पर्वत के दर्शन तभी हो सकते हैं जब भगवान शिव प्रसन्न हों। जब पर्वत बादलों के पीछे छुपा रहता है तो उसे भगवान की अप्रसन्नता का संकेत माना जाता है।

आयोजकों के मुताबिक इस तीर्थयात्रा में चार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दो तीर्थयात्री तो लुढ़कते पत्थरों की चपेट में आने से मारे गए।

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