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हनुमान जी की कृपा के बारे में तो सभी जानते हैं कि वो कैसे अपने भक्‍तों के संकट को दूर करते हैं। मान्‍यता है कि कलियुग में एकमात्र हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं जो अपने भक्‍तों की रक्षा के लिए उपस्थित रहते हैं।

वैसे तो भारत में हनुमान जी के अनेक मंदिर हैं लेकिन राजस्‍थान के दौसा जिले में स्थित घाटा मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर विशेष महत्‍व रखता है। भूत-प्रेत और दुष्‍ट आत्‍माओं से छुटकारा दिलाने के लिए दिव्‍य शक्‍ति से प्रेरित हनुमान जी के इस मंदिर को बहुत शक्‍तिशाली माना जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, दौसा

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आज हम आपको हनुमान जी के चमत्‍कारिक मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

  • इस मंदिर में जमीन पर आप कई लोगों को आत्‍मा एवं भूत-प्रेत से पीडित जंजीर से बंधा और उलटा लटका हुआ देख सकते हैं।
  • शाम को आरती के समय भूत-प्रेत से पीडित लोग बेचैन हो उठते हैं और चिल्‍लाने लगते हैं।
  • आपको बता दें कि भूत-प्रेत और दुष्‍ट आत्‍माओं से छुटकारा दिलाने वाला ये मंदिर करीब एक हज़ार साल पुराना है।
  • किवदंती है कि मंदिर की एक विशाल चट्टान में हनुमान जी की आकृति स्‍वयं उभर आई थी। इसे ही हनुमान जी का स्‍वरूप माना जाता है। इनके चरणों में एक छोटी सी कुइण्‍डी है जिसका जल कभी समाप्‍त नहीं होता है।
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  • मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर और यहां पर स्‍थापित हनुमान जी का विग्रह बहुत शक्‍तिशाली और चमत्‍कारिक माना जाता है।
  • बालाजी मंदिर में आकर प्रेत बाधाएं भी बोलने लगती हैं और वो ये भी बता देती हैं कि वो कौन हैं, क्‍या चाहती हैं और किस उद्देश्‍य से मनुष्‍य के शरीर में प्रवेश किया है। इस सबके बाद बालाजी बुरी आत्‍माओं को सज़ा सुनाते हैं और अगली पेशी की तारीख देते हैं।
  • यहां पर आने वाली दुष्‍ट आत्‍मा को बालाजी जो भी सज़ा सुनाते हैं उसे वो आत्‍मा मानकर पीडित व्‍यक्‍ति के शरीर को मुक्‍त कर देती है।
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  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में लोग जादू टोने और भूत-प्रेत से छुटकारा पाने आते हैं। जो लोग बुरी तरह से प्रेत बाधा से पीडित होते हैं उन्‍हें जंजीरों से बांधकर रखा जाता है।

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  • यहां आकर आप भी जब इन आत्‍माओं से पीडित लोगों को देखेंगें तो आपकी भी रूह कांप जाएगी। ये लोग मंदिर के सामने ऐसे चिल्‍ला–चिल्‍लाकर अपने अंदर बैठी हुई बुरी आत्‍माओं के बारे में बताते हें जिनके बारे में इनका दूर-दूर तक कोई वास्‍ता नहीं रहता है।
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  • यहां पर जो भी व्‍यक्‍ति भूत बाधा से ग्रस्‍त आता है वो स्‍वस्‍थ होकर ही लौटता है। ऐसा कहा जाता है कि जिसे इस मंदिर में प्रेतात्‍मा से मुक्‍ति नहीं मिलती उसे दुनिया में कहीं भी इस पीड़ा से मुक्‍ति नहीं मिल सकती है।

पीछे मुड़कर देखना है मना

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में एक और खास बात प्रचलित है और वो ये है कि मंदिर में आकर दर्शन करने के बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए वरना प्रेतात्‍माएं आपके शरीर पर भी अपना कब्‍जा जमा सकती हैं।

प्रसाद चढ़ाना है मना

हर मंदिर में भगवान को प्रसाद चढ़ाया जाता है और भक्‍त उस प्रसाद को अपने घर लाकर अपने रिश्‍तेदारों में भी बांटते हैं लेकिन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में ऐसा नहीं है। यहां से आप प्रसाद लेकर घर नहीं लौट सकते हैं।

मान्‍यता है कि अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से प्रसाद लेकर लौटते हैं तो आप इस शहर की सीमा को पार ही नहीं कर पाते हैं, जब तक कि आप प्रसाद को वहीं ना छोड़ दें आप अपनी मंजिल के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

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