नई दिल्ली ।। दिल्ली हाई कोर्ट में हुए ब्लास्ट को 23 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है।

यूपी के चंदौली और जम्मू-कश्मीर में छापे मारे गए हैं। हैदराबाद से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में साइबर कैफे पर छापा – बुधवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट के बाहर काउंटर पर हुए विस्‍फोट के तीन घंटे बाद मीडिया संस्‍थानों को जो ईमेल भेजा गया था, उसका सुराग मिलता नजर आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि यह ईमेल जम्‍मू-कश्‍मीर में किश्‍तवाड़ के एक साइबर कैफे से भेजा गया था। कहा यह भी जा रहा है कि ईमेल जांच को भटकाने की कोशिश का हिस्‍सा भी हो सकता है। एक आशंका यह भी है कि ईमेल धमाके में शामिल संगठन की ओर से नहीं भेजा गया है।

बहरहाल, ईमेल की सच्‍चाई जानने में मदद के लिए अमेरिका में गूगल मुख्‍यालय को चिट्ठी लिखी गई है। अब तक की जांच से पता चला है कि [email protected] [जिस आईडी से मेल भेजा गया] आईडी बुधवार सुबह 7.30 बजे ही बनाई गई थी। इसे ऑटो डिलीट मोड में बनाया गया था, जो एक सप्‍ताह बाद यानी 14 सितंबर को अपने आप ही डिलीट हो जाता।

आईडी बनाते समय बनाने वाले ने देश के कॉलम में पाकिस्‍तान भरा था। हालांकि इस बारे में कोई अंतिम नतीजा निकालने से पहले एनआईए की टीम गूगल की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस ई-मेल में ब्लास्ट की जिम्मेदारी हरकत उल जिहादी ए इस्लामी (हूजी) ने ली थी। जांच एजेंसियां साइबर कैफे के मालिक से पूछताछ कर ई-मेल भेजने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

कार से भागे आतंकवादी – दिल्ली पुलिस एक सिल्वर रंग की सैंट्रो कार की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि इसी कार में आतंकवादी वारदात को अंजाम देने के बाद भागे हैं। इस कार की वर्ष 2009 में चोरी हो चुकी थी। यह कार महेंद्र मनोवा के नाम से रजिस्टर्ड थी, लेकिन अब नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के नाम से रजिस्टर है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम भी लिया जा चुका है। 28 नवंबर, 2009 को इस कार की चोरी के मामले में दरियागंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 26 अगस्त को इसी गाड़ी का चालान कटा था। गाड़ी का नंबर डीएल 9 सीए 6034 और इंजन का नंबर 020269 है। कार का चेसिस नंबर 020 362 है। 

वाराणसी ब्लास्ट के आरोपी के घर छापा – एटीएस टीम ने बुधवार को वाराणसी संकट मोचन मंदिर में ब्लास्ट के आरोपी आतंकवादी शमीम के चंदौली जिले में स्थित घर पर छापा मारा और तलाशी ली। वहां से कई मोबाइल फोन को कब्जे में लिया गया है। जांच टीम कॉल डिटेल सहित अन्य जरूरी तथ्यों की छानबीन कर रही है। दिल्ली में बम विस्फोट की सूचना मिलने के तुरंत बाद चंदौली जिले के अलीनगर स्थित लौंदा गांव में शमीम के घर पर पुलिस पहुंच गई। टीम में एटीएस-एसटीएफ के सदस्य थे।

हैदराबाद से गिरफ्तारी – ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किये गये स्केच के आधार पर एक संदिग्ध को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। हैदराबाद के 2 अधिकारी जांच में सहयोग के लिए दिल्ली भी आए हुए हैं।

एनआईए करेगी धमाके की जांच – धमाके के कुछ घंटे बाद ही इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई। एनआईए ने इसके लिए 20 सदस्‍यों की टीम बनाई है। इसके महानिदेशक एस.सी. सिन्‍हा ने बताया कि हूजी के धमाके की जिम्‍मेदारी लेने के दावे की जांच जारी है। विस्‍फोट स्‍थल से बरामद मलबा सीएफएसएल जांच के लिए भेज दिया गया है। गांधीनगर सीएफएसएल की एक टीम भी जांच में सहयोग कर रही है। इसकी रिपोर्ट आज आएगी।

दो किलो विस्फोटक का इस्तेमाल – आतंरिक सुरक्षा सचिव यूके बंसल ने संवाददाताओं से कहा है कि बम धमाके में दो किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है। अधिकतर लोगों की मौत विस्फोट के कारण हुई है, न कि लोहे के कीलों के कारण।

विस्फोट के लिए पीईटीएन का इस्तेमाल – गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट परिसर में हुए विस्फोट में प्रारंभिक जांच से ऐसा संकेत मिला है कि इसमें नाइट्रेट आधारित विस्फोटक को पीईटीएन [पेंटा इरीथ्रिटाल टेट्रानाइट्रेट] के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया गया। इस घटना में 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि 90 अन्य घायल हैं।

पीईएनटी एक घातक विस्फोटक – पीईएनटी एक घातक विस्फोटक होता है, जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया के आतंकवादी विस्फोट करने के लिए करते हैं। इसका इस्तेमाल 2001 में अमेरिका में, 2009 में फिलीपीन में और 2010 में लंदन एवं दुबई में किया गया था।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here