नई दिल्ली ।। 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पुत्री कनिमोझी तथा कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शनिवार को 17 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है।

 

कनिमोझी और शरद कुमार के वकील सुशील कुमार और अल्ताफ अहमद ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी को बताया, “इस मामले में मेरे अदालत द्वारा आरोप निर्धारित किए जाने के बाद ही हम जमानत की अर्जी पर जिरह करना चाहते हैं।”

वकील ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि आरोपी अपने खिलाफ आरोप निर्धारित होने के बाद ही जमानत मांग सकते हैं और उनकी जमानत की अर्जी पर सुनवाई 2जी मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत करेगी।

न्यायाधीश सैनी ने दलील से सहमति जताते हुए कहा, “मैं 15 अक्टूबर तक आरोप निर्धारित करने की प्रक्रिया पूरी करना चाहता हूं। शरद एवं कनिमोझी की जमानत पर सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी।”

अदालत में पांच अन्य जमानत याचिकाओं पर सोमवार को जिरह होगी। इनमें स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा, सिनेयुग फिल्म्स के निदेशक करीम मोरानी, कुसेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल और पूर्व केंद्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ए. राजा के पूर्व निजी सचिव आर.के.चंदौलिया शामिल हैं।

सीबीआई ने शुक्रवार को सातों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर किया था जिसमें कहा गया था कि आरोप निर्धारित होने के बाद ही जमानत याचिका पर सुनवाई हो सकती है।

न्यायालय सभी 17 आरोपियों पर आरोप निर्धारण के बारे में गत 15 सितम्बर को फैसला सुनाने वाला था लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।

कनिमोझी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि उन्होंने सम्पूर्ण क्रियाकलाप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कलैगनार टीवी में उनकी 20 फीसदी हिस्सेदारी है।

प्रारम्भ में वह चैनल की निदेशक भी थीं और राजा को दोबारा दूरसंचार मंत्री बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

सीबीआई ने छह अन्य अभियुक्तों की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अदालत कानून के हिसाब से उचित निर्णय करे।

सीबीआई ने कहा, “जहां तक मोरानी द्वारा स्वास्थ्य के आधार पर जमानत का सवाल है अदालत कानून के अनुसार उचित निर्णय ले।”

इस मामले के मुख्य आरोपी राजा ने शुक्रवार को कहा कि वह मुकदमे में तभी हिस्सा लेंगे जब सीबीआई यह बताएगी कि वह उनके खिलाफ जांच पूरी कर चुकी है या नहीं।

न्यायालय ने अतिरिक्त आरोपों पर जवाब देने के लिए सभी आरोपियों को सात अक्टूबर तक का समय दिया है।

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