नई दिल्ली ।। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के खिलाफ गवाही दी।

स्वामी ने दावा किया है कि तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में चिदम्बरम 2जी स्पेक्ट्रम मामले में कथित रूप से शामिल रहे हैं।

स्वामी ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी के समक्ष कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा संसद में फरवरी में दिया गया भाषण स्पष्टरूप से इस बात का प्रमाण है कि स्पेक्ट्रम का मूल्य निर्धारण मंत्रिमंडल के 2003 के निर्णयों के आधार पर हुआ था। मंत्रिमंडल की बैठक में मूल्य निर्धारण का मुद्दा खासतौर से तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री और दूरसंचार विभाग के ऊपर छोड़ दिया गया था।”

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान चिदम्बरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे और स्पेक्ट्रम घोटाले की कहानी उसी समय से शुरू होती है।

स्वामी ने स्पेक्ट्रम मामले में चिदम्बरम को एक पक्ष बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि स्पेक्ट्रम का मूल्य निर्धारित करने का निर्णय 2008 में चिदम्बरम और तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया था। राजा दो फरवरी से ही तिहाड़ जेल में हैं।

स्वामी ने कहा, “2003 में मंत्रिमंडल के निर्णय के तहत चिदम्बरम और राजा को संयुक्त रूप से स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारित करने का अधिकार दिया गया था।”

स्वामी ने गवाही में कहा, “कम से कम एक दिन पहले चिदम्बरम को इस बात की जानकारी हो गई थी कि राजा स्पेक्ट्रम की बिक्री के लिए क्या योजना बना रहे हैंे।”

स्वामी ने मामले से सम्बंधित अतिरिक्त दस्तावेज लाने के लिए कुछ समय की मांग की, लिहाजा अदालत ने मामले की सुनवाई सात जनवरी, 2012 तक के लिए स्थगित कर दी।

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