नई दिल्ली/चेन्नई ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सह आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी तथा चार अन्य को सोमवार को जमानत दे दी। डीएमके तथा पार्टी अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जताई है।

लेकिन अदालत के आदेश की प्रति समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण कनिमोझी सोमवार को तिहाड़ से रिहा नहीं हो पाई। इस बीच, कनिमोझी को जमानत मिलने पर डीएमके और करुणानिधि ने बेटी से फोन पर बात की। जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। 

कनिमोझी तथा चार अन्य को जमानत दिए जाने का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति वी. के. शाली ने कहा, “कानून प्रक्रिया से आरोपियों के भागने का कोई मौका नहीं है। इसलिए सभी पांच आरोपियों की जमानत मंजूर की जाती है।” न्यायालय ने हालांकि, पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

कनिमोझी के अतिरिक्त जमानत पाने वाले चार अन्य कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा व राजीव बी. अग्रवाल हैं।

न्यायमूर्ति शाली ने कहा, “मैं सभी पांच आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करता हूं। उन्हें पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और विशेष अदालत द्वारा बताई जाने वाली राशि के दो जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए जाते हैं।”

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पिछले सप्ताह इस मामले में पांच सह आरोपियों को जमानत देते वक्त जो शर्ते निर्धारित की गई थीं, वे इन कनिमोझी तथा चार अन्य पर भी लागू होंगी।

न्यायालय ने सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया और कहा कि जब भी उन्हें बुलाया जाए वे अदालत के समक्ष पेश हों।

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कनिमोझी व शरद कुमार को 20 मई को सह आरोपी बनाया गया था और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 10 दिन बाद करीम मोरानी को भी जेल भेज दिया गया।

सीबीआई ने इससे पहले जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह कहते हुए बेहुरा की याचिका का विरोध किया था कि पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा और उनके पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदौलिया के साथ मिलकर उन्होंने संचार लाइसेंस आवंटित करने का षड््यंत्र किया था। जांच एजेंसी ने हालांकि कनिमोझी तथा चार अन्य की जमानत का विरोध नहीं किया था।

सोमवार को उच्च न्यायालय से कनिमोझी सहित पांच सह-आरोपियों को जमानत मिल जाने के बाद इस मामले में गिरफ्तार 14 में से केवल चार आरोपी जेल में रह गए हैं। इनमें राजा, बेहुरा, चंदौलिया तथा स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बलवा शामिल हैं।

चंदौलिया तथा शाहिद उस्मान बलवा की जमानत याचिकाओं पर बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ. पी. सैनी सुनवाई करेंगे। राजा ने दो फरवरी को गिरफ्तारी के बाद अब तक जमानत के लिए याचिका नहीं दायर की है।

उधर चेन्नई में करुणानिधि ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, “कनिमोझी को जमानत मिलने की खबर से मुझे खुशी मिली है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या कनिमोझी को डीएमके में कोई नया पद दिया जाएगा, करुणानिधि ने कहा कि इस बारे में फैसला पार्टी लेगी। वहीं राजा द्वारा अब तक जमानत याचिका दायर नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि उन्हें किसी मदद की जरूरत होगी तो इस पर विचार किया जाएगा।

उन्होंने हालांकि राजा तथा दयानिधि मारन (पूर्व कपड़ा मंत्री) के इस्तीफे के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पड़े दो स्थानों को भरने के लिए डीएमके के फैसले के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।

इस मौके पर करुणानिधि के दूसरे बेटे व पूर्व उप मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, एक अन्य बेटी सेल्वी, वरिष्ठ डीएमके नेता व तमिलनाडु के पूर्व मंत्री डी. दुरईमुरुगन, ई. वी. वेलु तथा अन्य मौजूद थे।

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