नई दिल्ली ।। 2जी मामले की सुनवाई कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी को तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बर की 2जी मामले में कथित संलिप्तता सम्बंध में गवाही देने की गुरुवार को अनुमति दे दी। 

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने स्वामी से कहा कि वह पूछताछ के लिए और अपने बयान दर्ज कराने के लिए 17 दिसम्बर को उपस्थित हों। अदालत ने स्वामी से कहा कि पहले वह इस मामले में एक गवाह के रूप में अपने बयान दर्ज कराएं और उसके बाद न्यायालय इस मामले में अन्य गवाहों को बुलाने पर विचार करेगा। 

स्वामी ने इस मामले में चिदम्बरम को एक पक्ष बनाने की मांग की थी। स्वामी ने कहा था कि स्पेक्ट्रम की कीमतें निर्धारित करने सम्बंधी निर्णय चिदम्बरम और तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया था। राजा फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।

स्वामी ने इसके पहले 2जी मामले में आरोप पत्र दाखिल होने से पूर्व न्यायालय के समक्ष एक गवाह के रूप में गवाही दी थी।

न्यायालय ने स्वामी से कहा कि वह पूछताछ और अपने बयान दर्ज कराने के लिए 17 दिसम्बर को उपस्थित हों। 

इस बीच सीबीआई ने स्पष्ट किया कि यहां पटियाला हाउस न्यायालय परिसर में 2जी मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत ने स्वामी को अपना बयान दर्ज कराने की अनुमति दी है, गवाहों से पूछताछ की नहीं।

सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “अदालत का आदेश स्वामी को गवाहों से पूछताछ की कोई अनुमति नहीं देता।”

स्वामी ने इस मामले में चिदम्बरम को एक पक्ष बनाने की मांग की थी। चिदम्बरम इस घोटाले के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री थे। स्वामी ने कहा था कि स्पेक्ट्रम की कीमतें निर्धारित करने सम्बंधी निर्णय चिदम्बरम और तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा द्वारा संयुक्त रूप से लिया गया था। राजा फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं।

न्यायालय ने हालांकि कहा कि मामला अभी प्रारम्भिक चरण में है।

सैनी ने कहा, “केवल शिकायतकर्ता ने खुद को शिकायतकर्ता के गवाह के रूप में पेश किया है। चूंकि इस तरह का आग्रह मामले के प्रारम्भिक चरण में किया गया है, लिहाजा इसकी अनुमति न देने का कोई कारण मैं नहीं समझता।”

सैनी ने कहा, “इस अनुसार, शिकायताकर्ता स्वामी को सबूत पेश करने के लिए शिकायतकर्ता के पहले गवाह के रूप में बुलाए जाने की अनुमति दी जाती है।”

सैनी ने आगे कहा, “दायर आवेदन में दर्ज गवाहों की सूची में शामिल अन्य गवाहों को हालांकि शिकायतकर्ता द्वारा उनकी गवाही की प्रासंगिता स्पष्ट किए जाने के बाद ही तलब किया जाएगा।”

स्वामी ने अपनी याचिका में, आरोपी व्यक्तियों के साथ उन अन्य व्यक्तियों के सांगांठ का पता लगाने के लिए सम्बंधित सीबीआई अधिकारियों से भी पूछताछ करने की मांग की थी, जिन्हें जांच एजेंसी ने जानबूझकर आरोपी नहीं बनाया।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here