नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी एवं पांच अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई की अनुमति दे दी है।

न्यायमूर्ति वी.के. शाली ने गुरुवार को कहा कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह होगी। शाली ने मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता से सभी आरोपियों और उनके खिलाफ मिले साक्ष्यों पर एक बयान प्रस्तुत करने को कहा।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसी मामले के पांच सह-आरोपियों को जमानत दिए जाने के बाद कनिमोझी और पांच अन्य आरोपियों ने जल्दी सुनवाई को लेकर बुधवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

यूनिटेक वायरलेस के संजय चंद्रा, स्वान टेलीकाम के विनेाद गोयनका, अनिल धीरूभाई अम्बानी समूह के गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर की जमानत मंजूर कर ली थी। पांच लोगों को जमानत मिलने के बाद इस मामले में अभी भी नौ लोग जेल में हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कनिमोझी ने अपनी याचिका में कहा कि कुछ और दिनों तक हिरासत में रखा जाना उनके बुनियादी अधिकारों के खिलाफ होगा और उन्हें भी जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध नहीं किया है।

सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद कनिमोझी के अलावा कलैग्नार टीवी के प्रमुख शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी, कुसेगांव फ्रूट्स एवं वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव.बी.अग्रवाल और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्ध बेहुरा ने जमानत याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई एक दिसम्बर को होनी थी।

इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायलय ने सीबीआई को नोटिस जारी कर छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर एक दिसम्बर तक जवाब देने को कहा था।

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