चेन्नई ।। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के दौरान हुए कीमत निर्धारण पर वित्त मंत्रालय के नोट को लेकर संप्रग के महत्वपूर्ण सहयोगी दल द्रमुक ने कहा है कि इस मुद्दे पर जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा सही साबित हुए हैं।

द्रमुक के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, पूरे मामले का मूल यह है कि राजा ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्रालय के सभी सुझावों का उल्लंघन किया। वित्त मंत्रालय की ओर से भेजे गये चिट्ठी में कहा गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने अपनी सहमति बंधी कीमत और गैर नीलामी नियम पर दे दिये। यह राजा के रुख को सही ठहराता है।’’

बुधवार को उच्चतम न्यायालय में सौंपे गए दस्तावेज में वित्त मंत्रालय ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम अगर जोर दिए होते तो टेलीकॉम मंत्रालय 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस की नीलामी कराता, लेकिन उन्होंने ऐसा न करके बड़े घोटाले के रास्ते को साफ कर दिया।

स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं होने से सरकारी खजाने को हुए नुकसान पर कैग के खुलासे के बाद मंत्री पद गंवाने वाले राजा ने अदालत में कहा था कि 2जी मामले की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम को थी।

25 मार्च 2011 को प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए वित्त मंत्रालय के ज्ञापन में बताया गया है कि चिदंबरम और राजा ने 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मूल्य निर्धारण संयुक्त तौर पर किया।

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