नई दिल्ली ।। 2जी स्पेक्ट्रम कीमत तय करने के मामले में कथित रूप से जुड़े केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को पाक-साफ दिखाने के लिए केंद्र सरकार जहां जी तोड़ कोशिश कर रही है वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले को एक नया मोड़ दे दिया।

जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम पर हमले तेज करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

प्रधानमंत्री के इस आरोप पर कि विपक्ष सरकार को अस्थिर कर रहा है, भाजपा ने कहा कि वह सरकार को अस्थिर नहीं कर सकती क्योंकि उसके पास आंकड़े नहीं हैं। इस बीच, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को आधारहीन बताया।

2जी स्पेक्ट्रम की कीमत तय करने में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की भूमिका बताने वाली अपने मंत्रालय की टिप्पणी से उपजे विवाद के संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री को एक ताजा पत्र लिखा।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी द्वारा लिखे साढ़े तीन पन्ने के पत्र की एक प्रतिलिपि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी भेजी गई है।

मुखर्जी द्वारा लिखे गए ताजा पत्र की पुष्टि नार्थ ब्लॉक के अधिकारियों ने की है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि पत्र में केवल यह बताया गया है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से 18 पैराग्राफ की टिप्पणी के साथ एक पन्ने का संलग्नक गत 25 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय को क्यों और किसके निर्देश पर भेजा गया।

एक अधिकारी ने बताया, “टिप्पणी में मूलरूप से कार्यक्रमों के तिथिवार ब्योरे दिए गए और स्पेक्ट्रम आवंटन एवं कीमत से जुड़े बुनियादी तथ्यों के बारे में जानकारी थी। इन्हीं सब के बारे में मुखर्जी को सफाई देने के लिए कहा गया।”

मुखर्जी के इस पत्र के बारे में हालांकि कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। नार्थ ब्लॉक के अधिकारियों ने जहां इस बात की पुष्टि की है कि मुखर्जी ने बुधवार को पत्र लिखा वहीं कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मुखर्जी जब रविवार को प्रधानमंत्री से न्यूयार्क में मिले तभी उन्होंने मनमोहन सिंह को पत्र सौंपा।

वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए पत्र के एक-एक पैराग्राफ को पढ़ते हुए कहा, “प्रधानमंत्री, चिदम्बरम को क्यों बचा रहे हैं?” उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के लिए विमानों की खरीद के बारे में फैसला लेने वाले मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष भी चिदम्बरम थे, जिस बारे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने सवाल उठाए हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री चिदम्बरम को कहां-कहां बचाएंगे।

सुषमा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ‘कांग्रेस बचाओ इंस्टीट्यूशन’ करार देते हुए कहा कि सीबीआई कह रही है कि चिदम्बरम की भूमिका की जांच की जरूरत नहीं है।

2जी मामले में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए पत्र में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के बारे में टिप्पणी की गई है कि यदि वह चाहते तो स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिये बेचा जा सकता था।

संयुक्त राष्ट्र से लौटते समय प्रधानमंत्री ने चिदम्बरम का बचाव करते हुए विपक्ष पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। इस पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यदि जरूरत पड़ती है तो उन्हें बाहर कीजिए।”

वहीं, जेटली ने कहा, “हमारे पास आंकड़े नहीं हैं कि हम सरकार को अस्थिर करें। यदि सरकार गिरती है, तो वह अपने आंतरिक कारणों से गिरेगी।”

उन्होंने कहा, “यदि प्रधानमंत्री दाग लगे हुए लोगों में विश्वास जताएंगे तो देश का उनमें विश्वास कम हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि आज इस सरकार में नेतृत्व के साथ-साथ नैतिकता का भी संकट पैदा हो गया है।

इसके अलावा भाजपा ने खाद्यान्न कीमतों पर प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि वह महंगाई को विकास दर से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

सुषमा ने कहा, “कीमतें एक वर्ग के लिए और विकास दर दूसरे वर्ग के लिए बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री को उस वर्ग पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिसकी क्रय क्षमता नहीं बढ़ी है और जो बढ़ती महंगाई से कराह रहा है।”

वर्ष 2014 के आम चुनावों में पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा इस पर स्वराज ने कहा, “फैसला सही समय पर संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। बोर्ड यह तय करेगा कि नेता का चुनाव किया जाएगा या नहीं।”

पिछले महीने आडवाणी के भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा पर जाने की घोषणा करने और इस माह के शुरू में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सद्भावना उपवास करने के बाद भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कयास लगाए जाने लगे हैं। सुषमा स्वराज और जेटली को भी दावेदारों में माना जाता है।

इस बीच, कांग्रेस ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में केंद्रीय वित्त मंत्रालय की टिप्पणी पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘आधारहीन’ करार देते हुए उस पर जमकर निशाना साधा।

कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इससे सत्ता हासिल करने की भाजपा की निराशा और नाकामी झलक रही है।”

उन्होंने कहा, “ऐसा मामला जो विचाराधीन है उस पर फैसला सुनाना अनुचित है लेकिन भाजपा हर जगह अपना फैसला सुना रही है।” प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की टिप्पणी सूचना का अधिकार (आरटीआई) का सामान्य जवाब है।

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