नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को 2जी मामले में आरोपी पांच कारपोरेट कार्यकारियों को जमानत दे दी। इन आरोपियों में यूनीटेक वायरलेस के संजय चंद्रा, डीबी रियलिटी के विनोद गोएनका, तथा रिलायंस समूह के गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर शामिल हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की पीठ ने कहा कि पांचों आरोपियों को निचली अदालत की संतुष्टि के लिए पांच-पांच लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने पर रिहा किया जाएगा।

न्यायमूर्ति दत्तू ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि जमानत का दुरुपयोग होता है, तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आदेश में बदलाव के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है।

ये पांचों व्यक्ति, उन 14 आरोपियों में से हैं, जिनमें पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी भी शामिल हैं।

मामले की सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ.पी. सैनी के समक्ष चल रही है।

पांचों अधिकारियों ने इसके पहले दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 23 मई को दिए गए फैसले और सामूहिक आदेश को चुनौती थी। उच्च न्यायालय ने अपराध और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की गम्भीरता के मद्देनजर पांचों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी। 

पांचों ने हालांकि सर्वोच्च न्यायालय में कहा था कि उच्च न्यायालय द्वारा जमानत खारिज करना कानूनन बुरा था और उन्हें लगातार हिरासत में रखना सुनवाई से पहले ही दंड देने जैसा है, जो कि उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।

रिलायंस के तीनों अधिकारियों ने कहा था कि निचली अदालत इस बात को नहीं समझ पाई कि स्वान टेलीकाम की कमान डायनामिक्स बलवा समूह को स्थानांतरित करने में उनकी भूमिका साबित करने का सबूत नहीं है जैसा कि आरोप लगाया गया है।

सीबीआई ने पहला आरोप पत्र दो अप्रैल को दाखिल किया था, जिसमें उसने राजा, उनके पूर्व निजी सचिव आर.के. चंदोलिया, पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, स्वान टेलीकाम के शाहिद उस्मान बलवा, गोएनका और चंद्रा के नाम शामिल किए थे।

आरोप पत्र में रिलायंस समूह के दोषी, पिपारा और नायर के अलावा तीन कम्पनियों- यूनीटेक वायरलेस, स्वाल टेलीकाम और रिलायंस टेलीकाम के नाम भी शामिल थे।

सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को दाखिल किए गए पूरक आरोप पत्र में राज्यसभा सदस्य कनिमोझी, कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी, और कुसेगांव के निदेशक द्वय आसिफ बलवा और राजीव बी. अग्रवाल के नाम शामिल थे।

सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।

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