नई दिल्ली ।। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सभी 17 आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय हो जाने के बाद एक विशेष अदालत में शुक्रवार को शुरू हुई मामले की सुनवाई के दौरान केवल एक गवाह ही पेश हुआ।

यद्यपि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी के समक्ष तीन गवाह पेश होने वाले थे, लेकिन केवल आनंद सुब्रह्मण्यम ही न्यायालय में दिखाई दिए। सुब्रह्मण्यम फिलहाल रिलायंस समूह में बतौर उपाध्यक्ष कार्यरत हैं।

अन्य दो गवाहों में ए.एन. सेतुरमन और विनोद कुमार बुद्धिराजा शामिल हैं। सेतुरमन रिलायंस समूह के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं और बुद्धिराजा एटिसालात डीबी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य नियामक अधिकारी हैं।

सुब्रह्मण्यम ने न्यायाधीश के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। आरोपियों द्वारा गुनाह कुबूल करने से इंकार किए जाने के बाद न्यायालय ने 22 अक्टूबर को आदेश दिया था कि मामले की सुनवाई शुक्रवार से शुरू होगी।

मामले में आरोपी सभी 14 व्यक्ति फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसमें पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी भी शामिल हैं।

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले के आरोपी पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने जांच पूरी होने तक अभियोजन पक्ष के गवाह से पूछताछ करने से इंकार कर दिया, लेकिन विशेष अदालत ने उनकी दलील खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने इस मामले में राजा की दलील खारिज करते हुए कहा, “हम सुनवाई शुरू कर रहे हैं, चाहे आप गवाह से पूछताछ करें या नहीं।”

इससे पहले राजा के वकील सुशील कुमार ने कहा था कि जांच पूरी हो जाने तक गवाहों से सवाल नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों का अनुपालन किए बगैर गवाहों से पूछताछ की तिथि तय कर दी गई है। याचिकाकर्ता के पास जिरह टालने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।”

इसके बाद पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा ने भी गवाहों से जिरह करने से इंकार कर दिया। न्यायाधीश ने हालांकि उनकी दलील अस्वीकार कर दी और कहा कि सुनवाई जारी रहेगी। उन्होंने अभियोजन पक्ष के पहले गवाह- रिलायंस कैपिटल के आनंद सुब्रह्मण्यम का बयान दर्ज करने का भी आदेश दिया।

अदालत ने शुक्रवार को पूछताछ के लिए दो अन्य गवाहों- रिलायंस ग्रुप के ए. एन. सेतुरमन और डीबी टेलीकॉम के विनोद कुमार बुद्धिराजा को भी समन भेजा था। ये उन 28 गवाहों में हैं, जिनसे सीबीआई पूछताछ करना चाहती है।

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सीबीआई ने दो अप्रैल को पहली बार राजा, उनके निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, बेहुरा, स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक वायरलेस के संजय चंद्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे।

सीबीआई ने इस मामले में रिलायंस समूह के प्रबंध निदेशक गौतम दोषी, समूह के अध्यक्ष सुरेंद्र पिपारा और उपाध्यक्ष हरि नायर के साथ-साथ तीन कम्पनियों- यूनिटेक वायरलेस, स्वान टेलीकॉम और रिलायंस टेलीकॉम को भी आरोपी बनाया।

सीबीआई ने 25 अप्रैल को दाखिल अनुपूरक आरोप पत्र में राज्यसभा सांसद कनिमोझी, कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार, सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी और कुसेगांव के निदेशक आसिफ बलवा तथा राजीव बी. अग्रवाल का भी नाम शामिल किया था। मामले के सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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