जयपुर ।। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नर्स भंवरी देवी के लापता होने के मामले में कथित संलिप्तता के कारण रविवार को जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। भंवरी लगभग एक महीने से लापता है।

बताया जाता है कि इस मामले में मदेरणा का नाम आने से चौतरफा आलोचना और उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद गहलोत ने मदेरणा को हटाने का निर्णय किया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार इस मामले के प्रति गंभीर नहीं है।

सूत्रों ने बताया कि मदेरणा को मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश राज्यपाल शिवराज पाटील को चण्डीगढ़ भेजी गई जिस पर रविवार शाम उन्होंने हस्ताक्षर कर किए। अब उद्योग एवं आबकारी मंत्री राजेंद्र पारीक को मदेरणा के विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने पहले मदेरणा को इस्तीफा देने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया।

नर्स भंवरी देवी के 25 अगस्त से लापता होने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में मदेरणा भी नामजद हैं। भंवरी देवी ने कुछ दिनों तक खुद को अपने घर में कैद रखा था और उसके बाद एक सितम्बर से वह लापता है।

इस मामले में यह खबर भी फैली कि एक सीडी में भंवरी देवी और महिपाल मदेरणा कथित रूप से आपत्तिजनक अवस्था में हैं। मदेरणा हालांकि इन आरोपों से लागातार इंकार करते रहे हैं।

चौतरफा दबाव के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 11 अक्टूबर को यह मामला अपने हाथ में लिया था।

एक सरकारी अस्पताल में नर्स भंवरी देवी के एक सितम्बर को लापता होने के बाद उसके पति ने अगले दिन शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने मदेरणा पर भंवरी का अपहरण, उसका बलात्कार और हत्या करवाने का आरोप लगाया है।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर को पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा था कि इस प्रकरण में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, उन सभी से पूछताछ क्यों नहीं की गई। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को है।

अदालत ने स्पष्टीकरण तब मांगा जब भंवरी के पति अमरचंद के वकील ने प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में नाम दर्ज होने के बावजूद मदेरणा से अभी तक पूछताछ नहीं किए जाने पर आपत्ति उठाई। एफआईआर में भंवरी देवी के साथ बलात्कार, अपहरण और उसकी हत्या का आरोप लगाया गया है।

अमरचंद के आरोपों के मद्देनजर अदालत ने पुलिस से पूछा था कि इस मामले में राज्य के कैबिनेट मंत्री की भूमिका की जांच क्यों नहीं की गई।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 24 सितम्बर को पुलिस को इस मामले में मदेरणा का नाम जोड़ने और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बालात्कार), 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचने ) के तहत उनकी भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि मदेरणा जाट समुदाय से आते हैं। राजस्थान में 200 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 40 से लेकर 50 निर्वाचन क्षेत्र में जाट समुदाय का दबदबा है।

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