कोलकाता ।। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का अर्थ ही भ्रष्टाचार है। वास्तव में यह भ्रष्टाचार का दूसरा नाम है।

यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रहित के मुद्दों पर सरकार को सहयोग कर रही है।

आडवाणी ने कहा, “हम बहुत से मुद्दों पर सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं, लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि वह देश के संघीय ढांचे का सम्मान करे। गैर-कांग्रेसी राज्य सरकारों के प्रति सरकार का रवैया प्रतिकूल नहीं हो सकता।”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भूमि अधिग्रहण गम्भीर मुद्दा है। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर हमें आपत्ति है, लेकिन हमने राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर कभी असहयोग नहीं किया।”

भ्रष्टाचार के खिलाफ जनचेतना यात्रा पर यहां पहुंचे आडवाणी ने संप्रग की तुलना ऐसे मरीज से की, जिसके कई अंग खराब हो चुके हैं और कहा कि इसका पतन नजर आने लगा है। भ्रष्टाचार के आरोप में इसके कई नेता तिहाड़ जेल पहुंच चुके हैं, जबकि कई जाने के इंतजार में हैं।

संप्रग को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि इसका नाम ‘डिवाइडेड रेग्रेसिव अलायंस’ होना चाहिए। उन्होंने तेलंगाना पर भी निर्णय न ले पाने के लिए सरकार की आलोचना की।

भाजपा नेता ने जनचेतना यात्रा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ मतभेदों से इंकार किया और कहा, “ऐसी खबरों के बाद जब मैंने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बात की तो उन्होंने इस पर आश्चर्य जताया और कहा कि जब उन्हें इसकी खबर मिली तो उन्होंने सभी से मेरा समर्थन करने के लिए कहा।”

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