पटना ।। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की ‘जन चेतना यात्रा’ बुधवार को बिहार के ऐतिहासिक और कुछ पौराणिक पृष्ठभूमि वाले स्थलों से गुजरते हुए मंदिरों की नगरी काशी में प्रवेश करेगी।

पटना से निकलकर आडवाणी की यात्रा का पहला पड़ाव होगा आरा। स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और 80 साल की उम्र में लाठियों से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली जगदीशपुर आरा से महज 10 किलोमीटर के दायरे में है।

आडवाणी आरा के रमना मैदान में वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और वहां एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करेंगे। फिर उनका कारवां भोजपुर की माटी से गुजरते हुए ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले स्थल बक्सर पहुंचेगा।

बक्सर का पौराणिक महत्व महर्षि विश्वामित्र के आश्रम की वजह से है, जहां भगवान राम ने ताड़का का वध किया था। यह स्थान 1764 की बक्सर की लड़ाई के ऐतिहासिक महत्व को भी रेखांकित करता है।

आडवाणी बक्सर के किला मैदान में जनसभा को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद उनका काफिला चौंसा पहुंचेगा। ऐतिहासिक चौंसा के बाद कैमूर की पहाड़ियों से होते हुए आडवाणी की यात्रा उत्तर प्रदेश की पावन नगरी वाराणसी पहुंचेगी। वाराणसी आडवाणी की यात्रा के दूसरे दिन का आखरी पड़ाव होगा।

आडवाणी की यात्रा के सम्बंध में बताते हुए बिहार भाजपा के प्रवक्ता संजय मयूख ने आईएएनएस से कहा, “पटना से बनारस की यात्रा के बीच आडवाणी की चार जनसभाएं होंगी और कम से कम छह स्थानों पर उनका स्वागत किया जाएगा।”

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