वाराणसी ।। सुशासन और स्वच्छ राजनीति के लिए पूरे देश में अलख जगाने निकले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना व परिवर्तन यात्रा को सफल बनाने के लिए परदे के पीछे से लगभग 80 लोगों की टीम काम कर रही है।

इन 80 लोगों में से 20 लोगों की एक कोर टीम बनाई गई है, जो पार्टी महासचिव अनंत कुमार के नेतृत्व में काम कर रही है। अनंत के सहयोग के लिए तीन अन्य नेताओं को भी उनके काम में लगाया गया है। रविशंकर प्रसाद, मुरलीधर राव और श्याम जाजू उनका सहयोग कर रहे हैं।

आडवाणी की यात्रा 34 दिनों तक चलने वाली है। अपनी यात्रा के दौरान वह प्रत्येक दिन लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तय करने के साथ ही प्रतिदिन चार जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। उनके साथ दो दर्जन से अधिक गाड़ियों का काफिला चल रहा है। इतने बड़े राजनीतिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि अन्य व्यवस्थाओं सहित इसका प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जाय।

वैसे तो अनंत कुमार पूरे कार्यकम का संचालन कर रहे हैं, लेकिन उनका अधिकांश समय आडवाणी के साथ बितता है। इसके बावजूद वह प्रबंधन और व्यवस्था की देखभाल स्वयं कर रहे हैं। अनंत के सहयोगी मुरलीधर राव और श्याम जाजू पर कार्यक्रमों के समन्वय की जिम्मेदारी है, तो वहीं मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी रविशंकर प्रसाद के कंधों पर है।

यात्रा के सह संयोजक बनाए गए श्याम जाजू ने बताया कि 20 लोगों की एक कोर टीम प्रतिदिन सुबह एक बैठक करती है। इसके बाद मुरलीधर राव या मेरे नेतृत्व में एक टीम प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचती हैं। समीक्षा करने के बाद व्यवस्था की जानकारी अनंत और रविशंकर को दी जाती है।

उन्होंने बताया कि काफिले के साथ चल रहे पत्रकारों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एक आईटी टीम पर है, जो अपने इस काम को बखूबी अंजाम दे रही है।

यात्रा के साथ चल रहे लोगों का यदि स्वास्थ्य बिगड़ता है, तो उन्हें तुरंत इलाज मुहैया कराने के लिए भी अच्छी व्यवस्था है। वाहनों के काफिले के साथ दो एम्बुलेंस भी चल रही हैं, जिनमें स्वास्थ्य की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। भाजपा का चिकित्सा प्रकोष्ठ इसकी देख-रेख कर रहा है।

वाहनों के प्रबंधन, रखरखाव के लिए भी एक अलग टीम है, जबकि जनचेतना यात्रा में शामिल लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था एक अन्य टीम करती है।

आडवाणी के लिए एक अलग वाहन है, जो उनकी मांग पर चाय या काफी की व्यवस्था करता है।

जाजू बताते हैं कि आडवाणी जी कार्यकर्ताओं के घरों से आया हुआ भोजन करना ही पसंद करते हैं। यात्रा के दौरान रास्ते में जिस किसी भी कार्यकर्ता का घर होता है, वह अपने घर से खाना लाता है और आडवाणी जी उस कार्यकर्ता की जाति जाने बगैर, उसके घर का बना खाना बड़े चाव से खाते हैं।

पूरी यात्रा के दौरान आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी और उनके निजी सचिव दीपक चोपड़ा उनके साथ रहेंगे। प्रतिभा अपने पिता की सेहत का पूरा ध्यान रखती हैं।

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