भुवनेश्वर ।। जमीन से जमीन पर मार करने वाली परमाणु क्षमता युक्त अग्नि-4 मिसाइल का ओडिशा स्थित एक रक्षा केंद्र से मंगलवार को परीक्षण किया गया। यह जानकारी सैन्य सूत्रों ने दी।

रक्षा प्रवक्ता सीतांशु कर ने आईएएनएस से कहा, “3,000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल का वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों की उपस्थिति में राज्य के तटीय इलाके में स्थित एक रक्षा केंद्र से परीक्षण किया।”

अग्नि-4, मिसाइल अग्नि-2 सामरिक मिसाइल का परिवद्धित संस्करण है। 

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता ने नई दिल्ली में कहा, “3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ तैयार की गई नई पीढ़ी की सामरिक मिसाइल का सफल प्रक्षेपण मिशन के सभी मानकों पर खरा उतरा है, इसमें 3,000 किलोमीटर की दूरी भी शामिल है।”

गुप्ता ने कहा, “अग्नि-2 का नाम अब अग्नि-4 कर दिया गया है।”

अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें डीआरडीओ की पांच परियोजनाओं में से एक हैं। ये परियोजनाएं 1983 में शुरू और सभी निर्दिष्ट उद्देश्यों के हासिल होने के बाद 2008 में समाप्त हुए एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत शुरू हुई थीं।

मंगलवार के परीक्षण के दौरान अग्नि-4 मिसाइल, एक रोड मोबाइल सिस्टम से सुबह नौ बजे देश के पूर्वी तट पर स्थित ओडिशा के भद्रक जिले में व्हीलर्स द्वीप से छोड़ी गई। 

एकीकृत परीक्षण रेंज के निदेशक, एस.पी. डैश ने बाद में एक बयान में कहा कि यह मिसाइल पहले लगभग 900 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंची और उसके बाद बंगाल की खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में स्थित पूर्व निश्चित लक्ष्य पर पहुंची। 

डैश ने कहा कि मिशन के सभी लक्ष्यों को पूरी तरह हासिल किया गया। सभी प्रणालियां अंत तक पूरी तरह काम करती रहीं। यह मिसाइल दुनिया में अपनी तरह की अकेली मिसाइल है, जो प्रौद्योगिकी में एक ऊंची छलांग है।

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