नई दिल्ली ।। देश की कृषि समस्याओं पर विचार करने के लिए राज्य सभा सांसदों ने गुरुवार को अलग सत्र की मांग की। पिछले एक दशक में देश भर में 2.15 लाख किसानों ने आत्महत्या की है।

कृषि समस्या और किसानों की आत्महत्या पर एक चर्चा में विपक्षी सदस्यों ने योजना की खामी की ओर इशारा किया, जबकि कई और सांसदों ने अंतर्राष्ट्रीय बीज कम्पनी मोनसेंटो की किसानों के साथ धोखाधड़ी के बारे में आवाज उठाई।

जनता दल युनाइटेड के सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को पद पर बने रहने का आधिकार नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एम. वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से महंगाई रोकने में सरकार की निष्क्रियता पर हमला किया।

उन्होंने कहा कि सरकार को देश की 60 फीसदी आबादी की चिंता नहीं है। और इस चर्चा से स्थिति में कोई बदलाव होने की सम्भावना पर शंका जताई।

उन्होंने कहा, “हम सिर्फ बातें करेंगे लेकिन कुछ बदलाव नहीं होगा। इस पर एक अलग सत्र होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री, कृषि मंत्री, वाणिज्य मंत्री, पंचायती राज मंत्री, सभी को प्रधानमंत्री के साथ मिलकर विचार करना चाहिए। अगर आप 60 फीसदी आबादी के लिए कुछ नहीं कर सकते तो आप क्या कर रहे हैं।”

नामित सदस्य मणिशंकर अय्यर ने भी कृषि पर अलग सत्र की मांग की।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोइनुल हसन ने जानना चाहा कि क्या ऋण सुविधा से सचमुच किसानों को लाभ मिल रहा है।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here