चेन्नई ।। तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु बिजली संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन अस्थायी तौर पर रुकने के बाद न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने संयंत्र के भीतर नए कर्मचारी भेजे हैं।
देश के परमाणु बिजली संयंत्र की संचालक एनपीसीआईएल के निदेशक काशीनाथ बालाजी ने आईएएनएस को बताया, “हमने अपने पुराने कर्मचारियों की जगह रविवार रात नए लोगों को भेजा। कुछ और लोगों को शाम तक भेजा जाएगा। परिसर के भीतर आवश्यक सामान की आपूर्ति की समस्या नहीं है।”
केएनपीपी के करीब 50 कर्मचारी पिछले कुछ दिन से कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) परिसर के भीतर बंधक की हालत में थे। इसे बंद करने की मांग को लेकर ‘पीपुल्स राइट्स मूवमेंट’ के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने चारों तरफ से संयंत्र को घेर रखा था, जिसके कारण 13 अक्टूबर से ही कोई भी कर्मचारी अंदर प्रवेश नहीं कर पाया था।
अपनी मांगों को लेकर 106 लोग क्रमिक भूख हड़ताल पर थे, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर रविवार को प्रदर्शनकारियों ने अस्थायी तौर पर आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की थी।
एनपीसीआईएल 13,000 करोड़ रुपये की लागत से कुडनकुलम में रूसी तकनीक एवं उपकरण की मदद से 1,000 मेगावाट की क्षमता वाले परमाणु रिएक्टर का निर्माण कर रही है।