चेन्नई ।। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली से कांग्रेस सांसद एस.एस. रामासुब्बू ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र (केएनपीपी) के दौरे और क्षेत्र के विकास के लिए उनके 10 सूत्रीय कार्यक्रम से परियोजना का विरोध करने वालों का मन बदला है।

लेकिन उन्होंने कहा कि केएनपीपी के अधिकारियों का उनके जैसे निवार्चित प्रतिनिधि के प्रति रवैया ठीक नहीं है। अधिकारी उनसे दूरी बना रहे हैं।

रामासुब्बू ने आईएएनएस से फोन पर कहा, “कलाम के दौरे और कुडनकुलम तथा आसपास के इलाकों के विकास के लिए उनके 10 सूत्रीय कार्यक्रम से निश्चितरूप से कुडनकुलम और अन्य गांवों के लोगों का मन बदला है। उनकी बात में वजन है।” लेकिन केएनपीपी के अधिकारियों से वह निराश हैं।

रामासुब्बू ने कहा, “अधिकारी दूरी रख रहे हैं। केएनपीपी के अधिकारियों से मैंने अनुरोध किया था कि जब उनके अध्यक्ष परियोजना स्थल का दौरा करें तो मुझे सूचित किया जाए, लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। केएनपीपी विरोधी आंदोलन के नेता एस.पी. उदयकुमार को अधिकारी संयंत्र स्थल पर ले गए, लेकिन मुझे इसके लायक भी नहीं समझा गया। यह बात मेरे समझ में नहीं आती। मैंने एक अन्य प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में परियोजना का दौरा किया है।”

रामासुब्बू के साथ ऐसा तब हो रहा है, जब वह क्षेत्र के सांसद हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, “मैंने संसद में और संसदीय स्थायी समिति में परियोजना के पक्ष में विचार रखे हैं।”

रामासुब्बू ने कहा, “जापान में फुकुशिमा परमाणु त्रासदी के बाद मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और परियोजना की सुरक्षा के बारे में बात की थी। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया था कि परियोजना की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”

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