नई दिल्ली ।। गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि जनता की नजर से दूर किसी भी मामले की सुनवाई न्यायाधीशों के आवास पर नहीं की जा सकती।
शाह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर न्यायमूर्ति आफताब आलम एवं न्यायमूर्ति आर.एम. लोढा की खंडपीठ की 30 अक्टूबर 2010 की सुनवाई का हवाला देते हुए यह बात कही।
सीबीआई ने अपनी याचिका में शाह को जमानत देने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आफताब आलम के आवास पर हुई थी।
शाह की ओर से पेश वकील राम जेठमलानी ने न्यायमूर्ति आलम एवं न्यायमूर्ति आर.पी. देसाई की खंडपीठ से कहा, “न्यायाधीशों के सरकारी आवास पर कोई सुनवाई नहीं की जा सकती।”
जेठमलानी ने ब्रिटेन के एक मामले का हवाला दिया जहां निर्विरोध एक तलाक याचिका को केवल इस आधार पर खारिज कर दिया गया क्योंकि इसकी सुनवाई न्यायाधीशों के पुस्तकालय में हुई थी। इस स्थान पर लोगों को आने से मना कर दिया गया था।