हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश में अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर सड़क परिवहन निगम की बसें मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सड़कों से दूर रहीं, जिसके कारण लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हैदराबाद स्थित 89 बस डिपो में करीब 10,000 बसें खड़ी रहीं। अन्य नौ जिलों में भी करीब 60,000 कर्मचारियों ने सेवा नहीं दी। तेलंगाना और आंध्र के अन्य हिस्सों के बीच बस सेवा निलम्बित रही। हैदराबाद, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, कुर्नूल और तिरुपति में हजारों यात्री फंसे रहे।

कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल के पूरी तरह सफल होने का दावा किया है और कहा कि एक भी बस सड़क पर नहीं उतरी।

सड़क परिवहन निगम को इससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक प्रसाद राव ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रतिदिन सात करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

निगम कर्मियों की हड़ताल के कारण लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी बसें नहीं चलने का फायदा निजी वाहन, कैब, ऑटो रिक्शा उठा रहे हैं। वे लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

राज्य सरकार ने हालांकि परिवहन सेवा को पहले ही आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम में शामिल कर रखा है, लेकिन हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इस बीच, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और सिंगरेनी कोलियरीज कम्पनी लिमिटेड के कर्मचारियों की हड़ताल को मंगलवार को आठ दिन हो गए।

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