नई दिल्ली ।। अन्ना हजारे की टीम से दो महत्वपूर्ण सदस्यों द्वारा खुद को अलग किए जाने के बीच गांधीवादी नेता ने कहा है कि सामाजिक क्षेत्र में अहंकार को अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी अतार्किक बहस उनकी इच्छाशक्ति को समाप्त नहीं कर सकती।

अपने ब्लॉग पर 74 वर्षीय अन्ना हजारे ने लिखा है, “मेरे आंदोलन से राजनीतिक हलके में असंगत बहस शुरू हुई है। मैं उनकी तरफ ध्यान नहीं देता। मैंने अतार्किक बहस और इसकी गलत व्याख्या सुनी है, जो मुख्यत: राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण है। यह पिछले 30 साल से मेरी जिंदगी का हिस्सा है। लेकिन ये सब मेरी इच्छाशक्ति को समाप्त करने में विफल हैं।”

अन्ना हजारे ने लिखा, “यदि आप सामाजिक क्षेत्र में काम करते हैं तो आपको अपना अहम दूर रखना होगा और अपमान तथा प्रताड़ना सहनी होगी। इसके बाद ही सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्र के हित में रचनात्मक कार्य कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि सभी को सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए, क्योंकि सत्य सर्वोच्च है।

उल्लेखनीय है कि मैगसेसे अवार्ड विजेता राजेंद्र सिंह और गांधीवादी पी. बी. राजगोपाल ने अरविंद केजरीवाल के कथित स्वेच्छाचारी रवैये और समूह के ‘राजनीतिक’ होने को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को खुद को अन्ना हजारे की टीम से अलग करने की घोषणा की थी।

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