नई दिल्ली ।। अन्ना हजारे की टीम में मंगलवार को उस समय मतभेद खुलकर सामने आ गए जब इसके दो प्रमुख सहयोगियों- मैगसेसे अवार्ड विजेता राजेंद्र सिंह और गांधीवादी कार्यकर्ता पी. बी. राजगोपाल ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया। टीम की प्रमुख सदस्यों में से एक किरन बेदी ने हालांकि इसे फूट मानने से इंकार किया है।

सिंह और राजगोपाल ने इसका कारण उन्होंने अरविंद केजरीवाल के कथित स्वेच्छाचारी फैसलों और समूह की राजनीतिक गतिविधियों को बताया है। इस बीच केजरीवाल पर एक युवक ने चप्पल उछाल कर इस मामले को और गरमा दिया है।

एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में राजेंद्र सिंह ने कहा, “मैं टीम से खुद को अलग करता हूं। टीम राजनीतिक होती जा रही है। हिसार सहित कई अन्य मुद्दों पर दिए जाने वाले बयान इसके संकेत देते हैं। केजरीवाल स्वेच्छाचारी फैसले ले रहे हैं।”

वहीं, राजगोपाल ने केरल में संवाददाताओं से कहा, “मैंने टीम के साथ बने रहने में अपनी असुविधा को लेकर अन्ना हजारे को पत्र भेजा है। उन्होंने मुझसे ऐसा निर्णय नहीं लेने के लिए कहा। मैं अखिल भारतीय यात्रा के मध्य पड़ाव में हूं।”

अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने उक्त दो सदस्यों की टीम से अलग होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “वे स्वयंसेवक थे, जो आए और चले गए।”

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक कार्यकर्ता ने आईएएनएस को बताया कि अन्ना हजारे को राजगोपाल का कोई पत्र नहीं मिला है जबकि राजेन्द्र सिंह से कोई बात नहीं हुई है।

कार्यकर्ता ने कहा कि राजगोपाल और सिंह उस 26 सदस्यीय कोर टीम के सदस्य थे, जिसमें हजारे, केजरीवाल, बेदी, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और एन. संतोष हेगड़े शामिल थे। उन्होंने कहा, “सभी फैसले सामूहिक तौर पर होते हैं।”

टीम अन्ना के एक अन्य सहयोगी अर्थशास्त्री एच.एस. देसाराडा ने कहा कि आंदोलन को कुछ लोगों ने अपने स्वार्थो के लिए हाइजैक कर लिया है।

उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि केजरीवाल और बेदी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सम्बंध होने के आरोप भी लगाए।

उन्होंने कहा, “हर बैठक के बाद वे लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज से बात करते थे। मुझे लगता है कि उन्हें वहां से निर्देश मिल रहे थे।”

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भी टीम अन्ना में मतभेद की खबरों का खंडन किया। उन्होंने हालांकि कहा कि वह राजनीति और पार्टी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहती।

उधर, लखनऊ में अरविंद केजरीवाल पर मंगलवार शाम एक युवक ने हमले की कोशिश की। पुलिस ने हालांकि युवक को हिरासत में ले लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लखनऊ के झूलेलाल पार्क में केजरीवाल एक जनसभा को सम्बोधित करने के लिए मंच पर जा ही रहे थे कि उनके ऊपर एक युवक ने चप्पल उछाला, लेकिन इंडिया अगेंस्ट करप्शन के स्वयंसेवकों ने केजरीवाल को बचा लिया। इसके बाद स्वयंसेवकों ने उस युवक को पुलिस के हवाले कर दिया। हमले के बाद सभास्थल पर हंगामा मच गया।

हमला करने वाले ने संवाददाताओं को अपना नाम जितेंद्र पाठक बताया है। उसके मुताबिक वह जालौन का रहने वाला है। उसका कहना है कि उसने टीम अन्ना के मुख्य सदस्य अरविंद केजरीवाल पर हमला इसलिए किया, क्योंकि वह (केजरीवाल) देश की जनता को बरगला रहे हैं। पाठक ने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है।

पाठक ने कहा, “केजरीवाल अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं तो बांदा में उन्होंने भ्रष्टाचार पर कुछ क्यों नहीं बोला..कांग्रेस के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं..कांग्रेस को हराने वह हिसार क्यों गए थे।”

लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (गोमतीपार) नितिन तिवारी ने आईएएनएस को बताया, “हम युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं। पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह युवक किस संगठन से जुड़ा है और किस मकसद से इसने यह कृत्य किया।”

उधर, केजरीवाल के साथ मौजूद टीम अन्ना के सदस्य एवं इंडिया अगेंस्ट करप्शन के उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “अरविंद का कहना है कि अन्ना हजारे का संदेश है कि खुद में अपमान सहन करने की शक्ति पैदा करो, इसलिए उन्होंने हमला करने वाले युवक को माफ कर दिया है।”

सिंह ने कहा, “टीम अन्ना को निशाना बनाए जाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई कतई कमजोर नहीं होगी।”

उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने सोमवार को ही आशंका जताई थी कि उनके ऊपर या फिर उनके कार्यालय पर हमला हो सकता है। उन्होंने कहा था कि उन्हें सीधे तौर पर किसी ने चेतावनी तो नहीं दी है लेकिन मीडिया के उनके कुछ मित्रों ने उन्हें आगाह किया है। याद रहे कि टीम अन्ना के अन्य सहयोगी प्रशांत भूषण पर भी पिछले दिनों एक युवक ने हमला किया था।

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