नई दिल्ली ।। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान में लगभग रविवार सुबह 10.20 बजे दलित एवं मुस्लिम समुदाय की दो बच्चियों के हाथों शहद मिश्रित नारियल पानी पीकर 288 घंटों से चले आ रहे अनशन का समापन किया। इसके साथ ही देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं। इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात कर लोकपाल विधेयक सम्बंधी प्रस्ताव को संसद द्वारा दी गई मंजूरी पर चर्चा की।
अनशन तोड़ने के बाद विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अपना अनशन सिर्फ स्थगित किया है लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। असली अनशन पूरी लड़ाई जीतने के बाद ही समाप्त होगा।
जीत की खुशी ने अन्ना के चेहरे से थकान की रेखाएं मिटा दी थी। अन्ना ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जनता के मुद्दों से संसद इंकार नहीं करेगी। लेकिन यदि संसद ने इंकार किया, तो जन संसद को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आज यह बात साबित हो गई है कि जन संसद, दिल्ली की संसद से बड़ी है। जन संसद जो चाहेगी, दिल्ली की संसद को उसे मानना होगा।
अन्ना ने कहा, “हमें बाबा साहेब अम्बेडकर के बनाए संविधान के तहत इस देश में परिवर्तन लाना है। आज यह साबित हो गया है कि परिवर्तन लाया जा सकता है। हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “अभी यह शुरुआत है। लम्बी लड़ाई आगे है। किसानों का सवाल है, मजदूरों का सवाल है। पर्यावरण, पानी, तेल जैसे तमाम मुद्दे हैं। गरीब बच्चों की शिक्षा का सवाल है। हमें चुनाव सुधार भी करने हैं। पूरी व्यवस्था बदलनी है। हमारा असली अनशन इस पूरे बदलाव के बाद ही टूटेगा।”
उन्होंने कहा, “आज देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ, लेकिन पूरी तरह अहिंसक। दुनिया के सामने आप सभी ने मिसाल रखी है कि आंदोलन कैसे करना चाहिए। इस आंदोलन की यह सबसे महत्वपूर्ण बात रही है।” अन्ना ने लोगों को अपने जीवन में कथनी और करनी में समानता लाने को कहा।
इसके पहले उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने में देश की जनता, खासतौर से युवाओं, मीडिया, पुलिस और उनकी देख-रेख में लगे चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
अनशन समाप्त करने के बाद अन्ना हजारे गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल गए। वहां वह दो-तीन दिनों तक आराम करेंगे। गुड़गांव जाने के क्रम में भी मीडिया और लोगों के हुजूम ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा, “आंतरिक शक्ति की मदद से अन्ना हजारे इतने लम्बे समय तक अनशन पर डटे रहे। उनका वजन लगभग साढ़े सात किलो तक कम हुआ लेकिन उनकी ब्रह्मचारी शक्ति के कारण ही ऐसा सम्भव हो सका।”
अन्ना के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने अन्ना का अनशन समाप्त होने से पहले अपने सम्बोधन में कहा, “हम देश के सभी सांसदों और राजनीतिक पार्टियों का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने जनभावनाओं का ख्याल करते हुए हमारी मांगों पर सर्वसम्मति से सदन में सहमति प्रकट की।”
केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस और दिल्ली जल बोर्ड को भी धन्यवाद दिया। केजरीवाल ने तिहाड़ जेल के कर्मचारियों और अधिकारियों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि जेल में जिस तरह से कर्मचारियों ने अन्ना के साथ व्यवहार किया उसके लिए हम उनका भी शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा, “यह मुहिम अब ऐसे ही चलती रहेगी। भविष्य में हम ‘राइट टू रिकॉल, राइट टू रिजेक्ट’ और न्यायिक सुधारों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।”
इस बीच, राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मुलाकात आधे घंटे तक चली। बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने मौजूदा संसद सत्र और लोकपाल विधेयक से सम्बंधित मामले पर 27 अगस्त, 2011 को संसद के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी दी।”
अन्ना हजारे ने रविवार सुबह दिल्ली के रामलीला मैदान में जैसे ही अपना अनशन तोड़ा वैसे ही पूरे देश में लोग खुशी से झूम उठे। दिल्ली से लेकर मुम्बई और अन्ना हजारे के गांव रालेगांव सिद्धि तक में ‘अन्ना हजारे जिंदाबाद’ का नारा लगाते हुए लोगों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए विजय जुलूस निकाला और मिठाइयां बांटीं। दिल्ली में इंडिया गेट का नजारा तो भव्य था। ‘मैं अन्ना हूं’ टोपी पहने लोग ‘मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, अब तो सारा देश है अन्ना’ और ‘अन्ना जी की जय’ के नारे लगा रहा रहे थे।
अन्ना हजारे के गांव रालेगांव सिद्धि में जश्न का माहौल दिखा। 74 वर्षीय अन्ना हजारे ने जैसे ही नारियल पानी और शहद से अपना पिछले 12 दिन का अनशन तोड़ा, लोग खुशी से झूम उठे। गांव के 2,000 से अधिक लोग संत यादवबाबा मंदिर परिसर में एकत्र हुए और अन्ना हजारे की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना की।
इंडिया गेट पर उत्सव सा माहौल दिखा। इंडिया गेट के चारों तरफ एकत्र अन्ना हजारे के समर्थकों में गजब का उत्साह दिखाई दिया। जीत का उत्सव मनाने के लिए यहां पहुंचे प्रत्येक आयु वर्ग और पेशे से जुड़े लोगों ने गांधीवादी का समर्थन किया और अपनी खुशियों का इजहार किया।
पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में भी सड़कों पर उतरकर लोगों ने जश्न मनाया।