नई दिल्ली ।। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि संसद के शीतकालीन सत्र में प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह अपना अनशन फिर से शुरू कर देंगे। इस पर सरकार ने कहा कि वह प्रतिबद्ध है, अन्ना को फिर अनशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

प्रधानमंत्री को मंगलवार को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा, “मैंने अपना अनशन और आंदोलन आपके आश्वासन के बाद ही स्थगित किया था। यदि प्रभावी लोकपाल विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हुआ तो मैं सत्र के अंतिम दिन से फिर अपना आंदोलन शुरू करूंगा।”

अन्ना ने अपने पत्र में कहा है कि प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद ही उन्होंने अगस्त में अपना अनशन स्थगित किया था। इसी वजह से उन्होंने उन पांच राज्यों का दौरा रद्द किया था जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

उन्होंने कहा है कि सरकार के सदस्य भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उनकी टीम चुनावी राज्यों का दौरा करेगी और इस दौरान किसी का नाम न लेते हुए साफ-सुथरे छवि वाले उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने का आह्वान करेगी।

अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक चलेगा।

उधर, सरकार को अन्ना की चेतावनी का कोई कारण नजर नहीं आता। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी लोकपाल के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अन्ना को फिर से अनशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने कहा, “जब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री, कांग्रेस के नेता और स्वयं प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल जैसा प्रभावी कानून बनाने को लेकर कई बार प्रतिबद्धता जता चुके हैं तब मुझे सरकार पर दबाव बनाने का कोई कारण नहीं दिखता।”

सोनी के मुताबिक, अन्ना हजारे और उनके सहयोगी कई बार कह चुके हैं कि लोकपाल विधेयक के पारित होने के लिए वे संसद के शीतकालीन सत्र तक इंतजार करेंगे। यह हाल ही में सम्पन्न हिसार संसदीय सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान भी दोहराया जा चुका है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद की स्थायी समिति लोकपाल विधेयक के प्रारूप पर विचार कर रही है। इसे लेकर सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही है। सरकार भी कई बार भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून बनाने की प्रतिबद्धता जता चुकी है।

विदेशी बैंकों में जमा काले धन के सम्बंध में सोनी ने कहा कि सरकार इस बारे में सूचना जुटाने और विदेशी बैंकों के खाताधारकों का नाम हासिल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, जिसके लिए द्विपक्षीय संधि की जरूरत है। सरकार ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं।

वहीं विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी अन्ना की चेतावनी पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, “इस चेतावनी का क्या अर्थ है।”

अन्ना ने अपने पत्र की प्रति कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और खुर्शीद को भी भेजी है।

इस बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल के इस बयान को आड़े हाथ लिया कि वह रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के दौरान अज्ञात लोगों से एकत्र 42.55 लाख रुपये का चंदा लौटा देंगे।

दिग्विजय ने कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर लिखा, “अज्ञात लोगों से लिया गया चंदा किस तरह और किसको लौटाया जाएगा वह केजरीवाल ही जानें, वह सुपर हीरो हैं इसलिए केवल वही ऐसा कर सकते हैं।”

रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के दौरान 1.14 करोड़ रुपये चंदा जमा हुआ था। पिछले छह माह में टीम अन्ना को चंदा के रूप में 2.51 करोड़ रुपये मिले हैं।

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