नई दिल्ली, Hindi7.com ।। मजबूत लोकपाल के लिए संघर्ष कर रहे अन्ना हजारे के रंग में रविवार की शाम को जंतर-मंतर डूब गया। हजारों लोग एक मजबूत जन लोकपाल व अन्ना के समर्थन के लिए जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। लोगों के हाथों में अपनी मांगों के समर्थन में नारे लिखी तख्तियां और लहराते हुए तिरंगे थे। लोगों ने गांधी टोपी पहन रखी थी और सरकारी लोकपाल बिल के विरोध में नारे लगा रहे थे।

अप्रैल में हुए अन्ना के आंदोलन के बाद यह पहला मौका था, जब जंतर-मंतर पर इतनी भीड़ जमा हुई हो। हालांकि पुलिस ने अन्ना समर्थकों को जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकालने से रोक दिया।

जंतर-मंतर पर जमा हुए समूह के उत्साह को देखकर मंच संभाल रहे अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया ने सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया। उनका कहना था कि यदि जनता ने यह मौका खो दिया, तो उन्हें दोबारा यह मौका नहीं मिलेगा। अगर आंदोलन नहीं हुआ तो सरकार जन विरोधी बिल जनता पर थोप देगी।

अन्ना पक्ष के वक्ताओं ने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस ने उन्हें शहर में कहीं भी अनशन व प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी, तो वे सब गिरफ्तारियां देकर जेल में ही अनशन करेंगे और देशवासियों से एक हफ्ते के भारत बंद की अपील करेंगे।

अन्ना समर्थकों ने जंतर-मंतर पर लोकपाल बिल की प्रतियां जलाईं और उसके बाद मोमबत्तियां जलाकर इंडिया गेट की ओर चलने लगे, लेकिन समर्थकों की भारी तादाद को देखकर, वहां पर मौजूद पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने उन्हें वहीं पर रोक दिया। इस बात पर कुछ देर के लिए पुलिस व हजारे पक्ष के बीच झड़प भी हुई।

गौरतलब है कि मजबूत जन लोकपाल के लिए आंदोलन कर रहे गांधीवादी अन्ना हजारे को दिल्ली पुलिस ने 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर अनशन करने की इजाजत नहीं दी है।

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