नई दिल्ली ।। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलनरत समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि यदि शीतकालीन सत्र में प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह फिर अपना आंदोलन शुरू करेंगे।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा, “यदि प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो मैं शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन से फिर अपना आंदोलन शुरू करूंगा।”

अन्ना ने अपने पत्र में कहा है कि प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद ही उन्होंने अगस्त में अपना अनशन समाप्त किया था।

समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि 22 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह अपना अनशन फिर से शुरू कर देंगे।

प्रधानमंत्री को मंगलवार को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा, “मैंने अपना अनशन और आंदोलन आपके आश्वासन के बाद ही स्थगित किया था।”

उन्होंने कहा , “यदि प्रभावी लोकपाल विधेयक शीतकालीन अधिवेशन में पारित नहीं हुआ तो मैं शीतकालीन अधिवेशन के अंतिम दिन से फिर अपना आंदोलन शुरू करूंगा।”

अन्ना ने अपने पत्र में कहा है कि प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित करने के प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद ही उन्होंने अगस्त में अपना अनशन स्थगित किया था। इसी वजह से उन्होंने उन पांच राज्यों का दौरा रद्द किया था जहां अगले साल विधान चुनाव होने वाले हैं।

अन्ना ने अपने पत्र में कहा है कि सरकार के सदस्य आश्वासन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उनकी टीम चुनावी राज्यों का दौरा करेगी और इस दौरान किसी का नाम न लेते हुए साफ सुथरे छवि वाले उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने का आह्वान करेगी।

अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक चलेगा।

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