रालेगांव सिद्धि (महाराष्ट्र) ।। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गावों के समग्र विकास के लिए महात्मा गांधी के सिद्धांतों की याद दिलाते हुए कहा है कि ‘मॉडल गावों’ के निर्माण में उद्योगपतियों की सहायता ली जानी चाहिए।

अपने नए ब्लॉग पर अन्ना ने लिखा है, “कुछ उद्योगपतियों ने वित्तीय रूप से महात्मा गांधी की मदद की थी। मॉडल गावों के निर्माण में हमें ऐसे उद्योगपतियों को शामिल करना होगा जो देश सेवा की इच्छा रखते हैं।”

अन्ना ने मंगलवार को अपना नया ब्लॉग शुरू किया। नए ब्लाग पर एक लेख है जिसे ‘भ्रष्टाचार को रोकना एवं गांवों का समग्र विकास : ये दो बातें देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं’ के नाम से हिन्दी और अंग्रेजी में जारी किया गया है। 

अन्ना ने कहा कि गांधी जी चाहते थे कि गावों का विकास उसे आत्मनिर्भर और स्वप्रशासित बनाते हुए व्यक्ति और प्रकृति का दोहन किए बिना हो।

प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, “यह विकास का तरीका नहीं है।” अन्ना ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि की कोई सीमा नहीं है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों की सीमा सीमित है और ये समाप्त हो रहे हैं।

अन्ना ने कहा, “प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन की वजह से कई गावों में पानी की कमी गम्भीर समस्या पैदा हो गई है। गर्मियों के दिनों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति होती है। आज पानी बर्बाद किया जा रहा है किसी दिन पेट्रोल, डीजल, किरोसिन तेल और कोयले को बर्बाद किया जाएगा।”

इससे पहले अन्ना के सहयोगी ने बताया कि ‘अन्नाहजारे सेज इंडियाअगेंस्टकरप्शन डॉट ऑर्ग’ पर उनके विचार पढ़े जा सकते हैं। 

पुराने ब्लाग की तुलना में अन्ना का यह ब्लॉग सिर्फ दो भाषाओं हिन्दी और अंग्रेजी में ही होगा। इससे पहले उनका ब्लाग तीन भाषाओं हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा मराठी में भी जारी होता था।

ज्ञात हो कि दो दिनों पहले लोनावाला में सेलिब्रेटी वैक्स संग्राहालय में अन्ना के एक पुतले का अनावरण किया गया था। इस पुतले को वारसोली में एक प्रदर्शनी केंद्र में लगाया गया था जिसे देखने के लिए काफी भीड़ जमा हुई थी।

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