रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र) ।। प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 13 दिनों तक अनशन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि कांग्रेस यदि संसद के शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं कराती है तो वह लोगों से उसके खिलाफ मतदान करने की अपील करेंगे।
अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून को लेकर वह एक बार फिर आंदोलन शुरू करेंगे और इसकी शुरुआत 13 अक्टूबर से हरियाणा के हिसार संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव से होगी।
रालेगण सिद्धि में पत्रकारों से मुखातिब अन्ना ने कहा, “यह मेरे कार्यक्रम पर निर्भर करता है। मैं हिसार जाऊंगा और दो जनसभाए करूंगा। यदि मैं नहीं जा पाया तो यहीं से हिसार की जनता को टेलीविजन के माध्यम से अपील जारी करूंगा। में हिसार की जनता से अपील करूंगा कि कांग्रेस ने जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं किया है इसलिए उसके उम्मीदवार को वोट न दें।”
अन्ना ने कहा कि उनके सहयोगियों ने हिसार उपचुनाव में खड़े हुए सभी प्रमुख उम्मीदवारों से पूछा है कि वह जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करते हैं या नहीं। इस पर अधिकत्तर उम्मीदवारों ने राय जाहिर करते हुए हां कहा है, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार ने कोई जवाब नहीं दिया है।
अन्ना ने कहा , “संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस यदि जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करवाती है तो मैं सीधेतौर पर लोगों से कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने की अपील करूंगा लेकिन यदि कांग्रेस ऐसा करती है तो वह सिर्फ यह अपील करेंगे कि लोग अच्छे उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें।”
अन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी वह काफी प्रमुखता से ले रहे हैं। शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल विधयेक पारित नहीं होने पर वह लखनऊ में चुनाव से ठीक पहले तीन दिन के लिए अनशन पर बैठेंगे।
अन्ना ने कहा , “पांच राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मैं इन राज्यों का दौरा करूंगा और लोगों से अपील करूंगा की यदि केंद्र की कांग्रेस सरकार शीतकालीन सत्र में जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करती है, तो आप उसे अपना वोट मत दीजिए और इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से की जाएगी।”
अन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वह चुनाव से पहले कई जनसभाओं को सम्बोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि अनशन के दौरान कांग्रेस ने जिन तीन मांगों पर सहमति जताते हुए लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था, उस पर यदि कांग्रेस की सरकार ने अमल नहीं किया तो यह जनता के साथ धोखा होगा।
अन्ना और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि वह चुनाव लड़ने के उत्सुक नहीं हैं लेकिन साफ सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों का ही वह समर्थन करेंगे।