नई दिल्ली ।। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी पर चिंता दोहराते हुए बुधवार को कहा कि इस बारे में पहले ही चीन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है।
एंटनी ने यहां नौ सेना के कमान अधिकारियों के चार दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की मौजूदगी से अवगत है।
एंटनी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उपस्थित 3,000 चीनी नागरिकों में कुछ लड़ाकू इंजीनियरों की मौजूदगी के सम्बंध में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, “हम वहां उनकी उपस्थिति से वाकिफ हैं। हमने इस सम्बंध में चीन को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।”
एंटनी ने कहा, “पिछले कई साल से हम लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को विकसित कर रहे हैं ताकि हम अपने क्षेत्र की हिफाजत और हमारी सम्प्रभुता के सामने खड़ी होने वाली किसी भी चुनौती से निपट सकें।”
विएतनाम से लगे दक्षिण चीन सागर के एक हिस्से में भारत द्वारा किए जा रहे तेल अनुसंधान पर चीन की आपत्तियों से सम्बंधित एक सवाल पर एंटनी ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। चीन, समुद्र के इस हिस्से को अपना क्षेत्र बताता है। उन्होंने कहा कि विएतनामी राष्ट्रपति त्रुआंग तान सांग, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली में हैं।
विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने हालांकि बातचीत से पहले संवाददाताओं से कहा कि दोनों पक्षों के बीच सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी। कृष्णा इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था कि क्या विएतनामी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी शामिल होगा।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में एंटनी ने कहा कि विमान वाहक पोत, एडमिरल गोर्शकोव की आपूर्ति हर हाल में दिसम्बर 2012 में प्राप्त हो जाएगी। भारत ने इस पोत को रूस से खरीदा है और वहां इसकी मरम्मत का काम चल रहा है।