श्रीनगर ।। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि अगले कुछ दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटा लिया जाएगा।

उमर ने कहा, “सुरक्षा की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और शांति लौट रही है। इसलिए अगले कुछ दिनों के भीतर कुछ इलाकों से एएफएसपीए जैसे कुछ कानून हटाए जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं हालांकि उन इलाकों के नाम फिलहाल बता पाने की स्थिति में नहीं हूं।”

उमर ने शुक्रवार सुबह माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ पर लिखा, “कुछ के लिए यह बहुत अच्छा होगा, कुछ अन्य के लिए यह पर्याप्त नहीं होगा लेकिन मुझे लगता है कि यह छोटा ही सही, पर एक सार्थक शुरुआत होगी।”

श्रीनगर में पुलिस परेड समारोह में उन्होंने कहा कि शांति लौटने पर ऐसी स्थिति बनेगी कि ऐसे कानून को राज्य के सभी हिस्सों से हटा लिया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के साथ की गई मुलाकात के बाद लिया।

विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से जम्मू एवं कश्मीर में एएफएसपीए समाप्त करने की मांग व्यापक तौर पर होती रही है। यह अधिनियम आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को व्यापक अधिकार देता है।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और मैगसेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे ने रविवार को श्रीनगर से इम्फाल तक के लिए एएफएसपीए विरोधी यात्रा शुरू की है। इम्फाल में सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला मणिपुर में एएफएसपीए समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले 11 वर्षो से अनशन पर हैं।

सुरक्षा बलों एवं खुफिया एजेंसियों ने इस निर्णय पर सावधान किया है।

एक खुफिया अधिकारी ने कहा, “इस कानून को हटाते समय थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। किसी खास इलाके में सुरक्षा की स्थिति को देखकर ही यह कदम उठाया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि जिस इलाके से यह कानून हटाया जाएगा, वह कहीं आतंकवादियों का पनाहगार न बन जाए, पूरी स्थिति की समीक्षा भी करनी होगी।”

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