जयपुर ।। राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला रविवार को कार्तिक एकादशी के स्नान के साथ शुरू हो गया। हजारों श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान व पूजा-अर्चना कर प्रजापिता ब्रह्मा व अन्य मंदिरों के दर्शन किए।

पंचतीर्थ स्नान के लिए रात्रि से ही श्रद्धालुओं का पुष्कर पहुंचना तेजी से शुरू हो गया था। कार्तिक पूर्णिमा महास्नान से 10 नवंबर को धार्मिक मेला संपन्न होगा।

रविवार सुबह धार्मिक तीर्थ नगरी पुष्कर में आध्यात्मिक पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा गुरुद्वारे से शुरू होकर शहर के प्रमुख बाजारों से होते हुए ब्रह्म घाट मंदिर पर संपन्न हुई। इसमें काफी संख्या में साधु संतों, श्रद्धालुओं, लोक कलाकारों, पशुपालकों व विदेशी पर्यटकों ने भाग लिया। इस अवसर पर विविध झांकियों का प्रदर्शन किया गया।

पुष्कर शहर के नागरिकों एवं विभिन्न व्यवसायी एवं धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों ने पदयात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। पदयात्रा में धार्मिक प्रवचन, कीर्तन आदि कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

जिला प्रशासन द्वारा पुष्कर मेले के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री के वितरण के लिए दड़ा क्षेत्र व अन्य निर्धारित स्थानों पर व्यवस्था की गई है। अजमेर डेयरी द्वारा दुग्ध व उत्पादनों की पर्याप्त व्यवस्था है। मेला मैदान में पशुपालक अपने पशुओं को लेकर दौड़ लगाते देखे गए। दर्शकों के मनोरंजन के लिए मेले में सर्कस शो, झूले आदि लगाए गए हैं। सरोवर के घाटों व कस्बे में सफाई की पर्याप्त व्यवस्था है।

इससे पहले शनिवार को पशुपालकों के बीच 1844 पशुओं की 4 करोड़ 15 लाख रुपये की खरीद-फरोख्त हुई थी। रविवार को मेला मैदान में कबड्डी व घोटा-दड़ी प्रतियोगिता आयोजित हुई। इसके अलावा अंतर-पंचायत समिति खेलकूद प्रतियोगिताएं शुरू हो गईं। मेले में सर्वाधिक 8223 ऊंट, 4349 घोड़े, 4256 गाय, 703 भैंस व 4 बकरा-बकरी, कुल 17 हजार 535 पशुओं को लाया गया।

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