नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलम्बित अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका पर शुक्रवार को गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। भट्ट ने याचिका में अपने खिलाफ ईमेल हैकिंग के एक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग की है। 

न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने भट्ट के वकील आई.एम. सैयद के तर्क सुनने के बाद यह नोटिस जारी किया। सैयद ने न्यायालय से कहा कि न्यायालय, भट्ट के सरकारी वाहन चालक द्वारा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद जांच को स्थानांतरित किए जाने सम्बंधी एक याचिका पर पहले ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चुका है।

गुजरात सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता ने भट्ट पर अपना ईमेल हैक करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

भट्ट ने कहा है कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर मेहता ने उन्हें और 2002 के गुजरात दंगे के अन्य गवाहों को झूठे मामले में फंसाने, उन पर दबाव बनाने तथा डराने के लिए ईमेल हैकिंग की शिकायत दर्ज कराई है।

ज्ञात हो कि अहमदाबाद की एक निचली अदालत ने 17 अक्टूबर को भट्ट को जमानत दे दी थी। भट्ट ने मोदी पर साम्प्रदायिक दंगों में संलिप्तता का आरोप लगाया है।

भट्ट को गत 30 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था। एक पुलिस कांस्टेबल ने उनपर एक झूठे हलफनामे पर जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया था। यह हलफनामा गोधरा मामले के बाद राज्य में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के तत्काल बाद मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में भट्ट की उपस्थिति को सत्यापित करने के लिए था।

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