भोपाल ।। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गैस त्रासदी की 27वीं बरसी पर पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले संगठन की अगुवाई में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रार्थना सभाओं में मृतकों को श्रद्घांजलि दी गई है।

भोपाल गैस कांड पीड़ितों का प्रदर्शन लगातार जारी है। गैस पीड़ित संघों ने शनिवार सुबह से ही मुआवजे की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया। महिला और बच्चे भी इस आंदोलन में कूद पड़े हैं। बरखेड़ी रेलवे लाइन पर बैठे गैस पीडि़तों में से, जब पुलिस ने महिलाओं को हटाना चाहा तो उन्होंने हटने से इनकार कर दिया। पुलिस ने महिलाओं को हाथ पकड़कर जबरदस्ती हटाने की कोशिश की तो लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।

खबर के मुताबिक, पुलिस और गैस पीड़ितों के बीच चल रहे संघर्ष में एक महिला का सिर फट गया है और दो पुलिस वाले घायल हुए हैं। पुलिस लाठीचार्ज से उग्र गैस पीडि़तों ने कुछ वाहनों में आग लगा दी है। हालात खराब बताए जा रहे हैं।

आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने खास इंतजाम किये हैं। अश्रु गैस के गोले, लाठियों और हथियारों से लैस पुलिस जवान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

आंदोलनकारियों की तरफ से पथराव किये जाने के बाद हुए लाठीचार्ज के कारण रेलों के आवागमण पर असर पड़ा है। लाठीचार्ज के बाद 6 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेल प्रशासन के अनुसार दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस को हबीबगंज स्टेशन पर रोका गया है। इंदौर-भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस को भोपाल स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया है। कुछ ट्रेनों को विदिशा स्टेशन पर रोका गया है। कई ट्रेनों के लेट होने की भी संभावना है। दिल्ली से आने वाली अमृतसर-दादर पठानकोट एक्सप्रेस 45 मिनट और कुशीनगर एक्सप्रेस को 40 मिनट लेट चलाया जा रहा था, लेकिन स्थिति बिगड़ने से इन ट्रेनों के और लेट होने की संभावना है।

इससे पहले हादसे की बरसी के मौके पर गैस पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले संगठनों ने अपनी-अपनी तरह से विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है। पांच संगठनों डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन ने तीन दिसम्बर से बेमियादी रेल रोको आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। 

दूसरी ओर, भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के लोग शनिवार को शाहजहानी पार्क पर इकट्ठा होकर मृतकों को श्रद्घांजलि देंगे और मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर एक ज्ञापन सौंपेंगे। संगठन की मांग है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय में सही आंकड़े पेश करे, ताकि पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाया जा सके। 

संगठन के प्रमुख, अब्दुल जब्बार ने कहना कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सप्ताह के भीतर पीड़ितों की मांगों पर विचार कर पहल करने का भरोसा दिया है। रेल रोको आंदोलन से उनके संगठन का कुछ भी लेना-देना नहीं है। लेकिन जब्बार ने कहा कि जो कुछ हुआ, वह दुखद है। 

गौरतलब है कि आज से 27 वर्ष पहले दो-तीन दिसम्बर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस रिसी थी। काल बनकर आई गैस ने हजारों लोगों को लील लिया था और लाखों को तिललिकर मरने के लिए छोड़ दिया था। सरकारों ने वादे खूब किए, मगर पीड़ितों के हाथ ज्यादा कुछ नही आया। आज भी उनमें गुस्सा है। 

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