नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट नम्बर पांच के बाहर बुधवार सुबह हुए एक विस्फोट में अब तक 12 लोग मारे गये हैं और कम से कम 76 लोग घायल हुए हैं।


मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है। यह जानकारी पुलिस सूत्रों ने दी है।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि बम गेट नम्बर पांच के करीब सुरक्षा काउंटर के पास सम्भवत: ब्रीफकेस में रखा गया था। इसी जगह से आगंतुकों के लिए पास जारी किए जाते हैं। इसी जगह से आगंतुकों के लिए पास जारी किए जाते हैं।


केंद्रीय विशेष सचिव (गृह)यू.के.बंसल ने एक टीवी चैनल को बताया, “विस्फोट में कम से कम चार लोग मारे गए हैं।”


विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) धर्मेद्र कुमार ने संवाददाताओं को बताया, “ऐसी आशंका है कि बम सम्भव: ब्रीफकेस में रखा गया होगा। हमने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और लोगों से उस जगह इकट्ठा नहीं होने को कहा है।”


केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने संवाददाताओं को बताया, “विस्फोट में नौ लोग मारे गए हैं। सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। बम ब्रीफकेस में रखा गया था। हमें ब्रीफकेस के टुकड़े मिले हैं।”


सिंह ने बताया कि जांच दल मौके पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम पहुंच चुकी है। फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के लोग मौके पर पहुंच चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की टीम सबूत जुटाने के लिए घटनास्थल पर मौजूद है।”


पुलिस ने जहां घायलों की संख्या 25 बताई है वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घायलों की संख्या 50 से 60 के करीब हो सकती है।


भगवान दास नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “विस्फोट में कई लोगों बुरी तरह जख्मी हुए हैं।”


प्रशासन ने आम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अभी ये पता नहीं चला है कि धमाका बम फटने से हुआ है या किसी और कारण से, लेकिन पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय संसद भवन और राष्ट्रपति भवन से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर है। दिल्ली उच्च न्यायालय में चार महीनों के भीतर विस्फोट की यह दूसरी घटना है।


यह विस्फोट उच्च न्यायालय परिसर के गेट नम्बर पांच के बाहर सुबह करीब 10.30 बजे हुआ। उस समय वहां काफी भीड़भाड़ थी और न्यायालय परिसर में दाखिल होने की प्रतीक्षा कर रहे लोगों की लम्बी कतार लगी हुई थी।


 


दिल्ली सरकार ने मारे गए लोगों के निकट सम्बंधियों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी है। विस्फोट में मरने वालों के निकट सम्बंधियों को चार लाख रुपये, मृतक के नाबालिग होने की सूरत में 1.5 लाख रुपये,स्थाई रूप से विकलांग होने वालों को दो लाख रुपये जबकि गम्भीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से जख्मी लोगों को 10,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इस बीच, पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहादी इस्लामी (हूजी) ने विभिन्न मीडिया संगठनों को भेजे गए ईमेल संदेश में कहा कि यह विस्फोट उसने करवाया है।


ईमेल में लिखा गया, “हम दिल्ली उच्च न्यायालय में आज हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हैं। हमारी मांग है कि अफजल गुरू की मौत की सजा तत्काल निरस्त की जाए वरना भारत के दूसरे प्रमुख उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय को भी निशाना बनाया जाएगा।”


 


वर्ष 2008 के मुम्बई बम हमले के बाद विस्फोट की यह तीसरी प्रमुख घटना है। केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने बताया कि यह विस्फोट उच्च न्यायालय परिसर के गेट नम्बर पांच के बाहर सुबह करीब 10.30 बजे हुआ।


मुम्बई में गत 13 जुलाई को हुए विस्फोटों में 25 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इससे पहले फरवरी 2010 को पुणे में हुए बम विस्फोट में चार विदेशियों सहित 17 लोग मारे गए थे।


दिल्ली उच्च न्यायालय में चार महीनों के भीतर विस्फोट की यह दूसरी घटना है। गत 25 मई को यहां एक कम तीव्रता वाला बम विस्फोट हुआ था लेकिन इसमें कोई नुकसान नहीं हुआ था। उस बम को एक प्लास्टिक के पैकेट में छुपाकर रखा गया था।


 


 

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