नई दिल्ली ।। प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन के दौरान रामलीला मैदान के मंच से सांसदों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान को गम्भीरता से लेते हुए संसद ने शनिवार को गांधीवादी के प्रमुख सहयोगी प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा।

संसद टीम अन्ना की सहयोगी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और अभिनेता ओमपुरी को पहले ही विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेज चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस टीम अन्ना को प्रताड़ित कर रही है।

विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने आईएएनएस से शनिवार को कहा, “संसद से विशेषाधिकार हनन का नोटिस मुझे मिला है। मैंने अब तक उसे पढ़ा नहीं है लेकिन मेरी मां ने मुझे इसके बारे में सूचित किया।”

गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इंडिया अगेंस्ट करप्शन के एक कार्यकर्ता ने बताया, “विशेषाधिकार हनन का यह नोटिस केजरीवाल के गाजियाबाद स्थित आवास पर स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया।

ज्ञात हो कि शनिवार सुबह भूषण को भी संसद से विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला।

प्रशांत भूषण ने विशेषाधिकार हनन नोटिस पर समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ से कहा, “यदि सच बोलने या जनहित में अपने विचार रखने को संसद द्वारा या उसके सदस्यों द्वारा विशेषाधिकार हनन माना जाता है, तो मैं समझता हूं कि इसकी फिर से समीक्षा करने का समय आ गया है कि संसदीय विशेषाधिकार क्या हैं।”

भूषण ने कहा कि उन्हें विशेषाधिकार हनन का नोटिस प्राप्त हुआ है लेकिन वह अपने बयान पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा, “जिस विशेषाधिकार के तहत सांसद उस व्यक्ति के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे सकते हैं, जो केवल उन बातों को रेखांकित कर रहा है या उस पर टिप्पणी कर रहा है, जिसे वे कहते हैं, उसका फिर से समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।”

प्रशांत भूषण को उनकी उस टिप्पणी के लिए नोटिस दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधेयक पारित कराने के लिए रिश्वत लेते हैं। भूषण को 14 सितम्बर तक जवाब देने को कहा गया है।

अन्ना की एक अन्य प्रमुख सहयोगी, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी भी सांसदों के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का सामना कर रही हैं। रामलीला मैदान में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए बेदी ने आरोप लगाया था कि राजनीतिज्ञ एकसाथ कई मुखौटे लगाए रहते हैं।

बेदी ने शुक्रवार को कहा कि वह सांसदों के खिलाफ दिए गए अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगी। सांसदों ने बेदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

बेदी ने कहा, “मैंने जो कहा है उस पर मैं कायम रहूंगी। यदि मुझे नोटिस मिलता है तो मैं उनसे माफी नहीं मांगूगी। अफसोस जताने के बदले मैं इन सांसदों को आईना दिखाऊंगी।”

ज्ञात हो कि रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन के दौरान बेदी ने अपने चेहरे पर स्कार्फ लपेट कर सांसदों पर आरोप लगाया कि अपना असली चेहरा छिपाने के लिए उनके कई चेहरे होते हैं।

रामलीला मैदान के मंच से अभिनेता ओमपुरी ने राजनीतिज्ञों पर कटाक्ष किए थे। उन्हें भी विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा गया है। ओमपुरी ने हालांकि अपने बयान के लिए बाद में माफी मांग ली।

वहीं,भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगियों को प्रताड़ित कर रही है। पार्टी ने कहा कि यह साफ है कि ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कोई भी आवाज उठाएगा’ कांग्रेस उस पर हमला करेगी।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के इस कदम ने साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कोई भी अपनी आवाज उठाएगा यह पार्टी उस पर हमला करने में विश्वास करती है।”

प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “केंद्र सरकार अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल सहित उनकी टीम के पीछे जिस तरह से पड़ी है यह वास्तव में काफी सदमा पहुंचाने वाला है।”

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