हैदराबाद ।। तेलंगाना की सड़कों पर 22 दिन बाद मंगलवार को कुछ बसें दिखाई दे रही हैं। आंध्र प्रदेश राज्य परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) की हड़ताल के कारण बीते दिनों ये सरकारी बसें सड़कों से गायब थीं।

हैदराबाद और सिकंदराबाद की सड़कों पर भी बसें दिख रही हैं। तेलंगाना क्षेत्र के खम्मम, करीमनगर व नलगोंडा जिलों के अलावा अन्य छह जिलों में से कहीं पर भी बसें नहीं दिखीं।

आदिलाबाद, निजामाबाद व वारंगल जैसे जिलों में हड़ताल कर रहे एपीएसआरटीसी के कर्मचारी व तेलंगाना के आंदोलनकारी बसें चलाने का विरोध कर रहे हैं।

निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि पुलिस सुरक्षा के बीच शाम तक सड़कों पर बसों की संख्या बढ़ जाएगी। निगम के प्रबंध निदेशक प्रसाद राव को दो-तीन दिनों में बस परिवहन सुचारू रूप से शुरू हो जाने की उम्मीद है।

एपीएसआरटीसी कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन, राष्ट्रीय मजदूर संघ (एनएमयू) ने सोमवार को लोगों की परेशानियां देखते हुए हड़ताल वापस लेने की घोषणा की थी।

वैसे एनएमयू नेता मेहमूद अली की इस घोषणा से यूनियन में विघटन हो गया है। तेलंगाना क्षेत्र के कुछ नेताओं ने अलग से एक यूनियन बनाकर हड़ताल जारी रखना तय किया है।

तेलंगाना आंदोलन की अगुवाई कर रही तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने भी घोषणा की है कि एपीएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी। समिति का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार पृथक राज्य के गठन पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती तब तक हड़ताल वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।

बीते 22 दिनों से तेलंगाना की सड़कों से निगम की करीब 10,000 बसें गायब थीं।

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