नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2008 में संसद में हुए वोट के लिए नोट मामले के पांच आरोपियों की जमानत पर अपना फैसला सोमवार को 16 नवम्बर तक के लिए सुरक्षित रख लिया। आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति एम.एल. मेहता ने कुलकर्णी, राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के पूर्व सहयोगी संजीव सक्सेना, राजनीतिक कार्यकर्ता सुहैल हिंदुस्तानी और भाजपा के पूर्व सांसदों, फगन सिंह कुलस्ते व महाबीर सिंह भगोरा की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायालय ने कहा कि फैसला 16 नवम्बर को सुनाया जाएगा।
सक्सेना पर आरोप है कि उसने जुलाई 2008 के विश्वास मत के दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बचाने के लिए वोट खरीदने की एक साजिश के तहत कुलस्ते भगोरा, व अशोक अर्गल को एक करोड़ रुपये पहुंचाया था।
न्यायालय ने अर्गल की अग्रिम जमानत पर भी अपना फैसला 16 नवम्बर तक के लिए सुरक्षित रख लिया। दिल्ली पुलिस ने अर्गल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मंजूरी हासिल कर ली है।
ज्ञात हो कि 22 जुलाई, 2008 को अर्गल, कुलस्ते और भगोरा ने विश्वास मत के ठीक पहले लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए उन्हें रिश्वत दी गई।