नई दिल्ली ।। वर्ष 2008 के वोट के लिए नोट मामले में निचली अदालत द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रेवती रमन सिंह को जारी किए गए सम्मन दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को खारिज कर दिये। निचली अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालयको तीन नवम्बर को पेश होने को कहा था।

लेकिन उच्च न्यायालय ने रेवती रमन की याचिका मंजूर करते हुए निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा, “याचिका स्वीकार की जाती है और निचली अदालत का आदेश खारिज किया जाता है।”

इससे पहले उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर उससे स्टिंग ऑपरेशन की वह ऑडियो-वीडियो सीडी मुहैया कराने के लिए कहा था, जिसमें रेवती रमन कथित रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से बातचीत करते दिखाई दे रहे हैं।

अदालत ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति वीडियो में नजर आता है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह षड्यंत्रकर्ता है।

इससे पहले सपा सांसद की ओर से अदालत में पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, “ऐसा नहीं कि दिल्ली पुलिस ने अब तक रेवती रमन से पूछताछ न की हो, न ही कोई नया तथ्य रिकार्ड पर लाया गया है। आया है। कोई ऐसा तथ्य रिकार्ड पर नहीं लाया गया है, जिसके आधार पर न्यायालय उन्हें सम्मन भेजे।”

उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई, 2008 को भाजपा सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर भगोरा और अशोक अर्गल ने लोकसभा में विश्वास मत से पहले नोटों की गड्डियां लहराते हुए कहा था कि ये पैसे उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए मिले हैं।

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