नई दिल्ली ।। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को विदेशी बैंकों में जमा धन के मामले में सांसदों को किसी भी तरह का सम्मन भेजने की खबरों को खारिज किया। उधर इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप तेज हो गया है।

आयकर प्राधिकरण द्वारा स्विस बैंक में खाता रखने वाले राजनीतिज्ञों और उद्योगपतियों पर कार्रवाई शुरू करने के फैसले की खबरों के बाद भाजपा ने मांग की कि सरकार फ्रांस द्वारा दिए गए सभी 700 नामों और इस बारे में की जाने वाली कार्रवाइयों के बारे में बताए। इस पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा मामले में लाभ हासिल करना चाहती है।

सीबीडीटी ने साथ ही कहा कि इस सम्बंध में जांच के मामले को आपराधिक जांच निदेशालय के सुपुर्द किये जाने की खबर भी गलत है।

सीबीडीटी के एक बयान में कहा गया, “कुछ समाचार संस्थानों ने आज यह खबर प्रसारित की है कि विदेशों से मिली बैंकिंग सूचना के आधार पर सीबीडीटी ने जांच के कुछ मामले आपराधिक जांच निदेशालय के सुपुर्द किए हैं।”

सीबीडीटी ने कहा, “यह भी कहा गया है कि कुछ सांसदों को सम्मन भेजा गया है। ये खबरें गलत हैं।”

इससे पहले आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि विभाग उन 782 लोगों पर कार्रवाई शुरू कर रहा है, जिन पर जेनेवा में एचएसबीसी बैंक में पैसे जमा करने का संदेह है।

अधिकारी ने हालांकि कहा कि इन लोगों के बारे में सूचना स्विस सरकार से नहीं बल्कि फ्रांस की सरकार से मिली है।

लोगों के नाम बताए जाने के सवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा, “समझौते के मुताबिक सूचना मिलने के बाद, जांच शुरू होने और मामला अदालत में आने के बाद हम उन लोगों के नाम जाहिर कर सकते हैं, जिन पर आयकर विभाग मामला चलाएगा।”

कांग्रेस के प्रवक्त मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा इस मामले में लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन के कार्यकाल में इस विषय पर कुछ नहीं किया गया।

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