नई दिल्ली ।। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंध (राजग) सरकार के कार्यकाल में निजी दूरसंचार कम्पनियों को आवंटित अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के सम्बंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामला दर्ज किया जाना वास्तव में केंद्रीय गृह मंत्री चिदम्बरम को बचाने की कोशिश है। भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया नया मामला कुछ नहीं बल्कि चिदम्बरम को बचाने की कोशिश है। हमने चिदम्बरम की भूमिका की जांच कराने के लिए एक विशेष आवेदन किया है, लेकिन 60 दिन बीतने के बाद भी न तो सरकार ने कोई जवाब दिया है और न ही जांच शुरू करवाई गई।”

उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री ने भी माना है कि 2008 में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में काम करते हुए चिदम्बरम द्वारा सहमति दिए जाने के बाद ही तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने स्पेक्ट्रम आवंटन को मंजूरी दी। उन्होंने कहा, “यह मिलीभगत का मामला है और स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला में ए. राजा के साथ चिदम्बरम की भी जिम्मेदारी बनती है।”

जावड़ेकर ने कहा, “लेकिन उन्हें बचाने के लिए सीबीआई ने यह मामला सामने लाया है।”

सीबीआई ने शनिवार को राजग सरकार के कार्यकाल में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन में तथाकथित अनियमितता के आरोप में दूरसंचार सेवा प्रदाता कम्पनी एयरटेल और वोडाफोन के कार्यालयों पर छापा मारा। मामले में कम्पनियों ने कहा कि वे सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनके दस्तावेज कानून सम्मत हैं।

सीबीआई ने एयरटेल और वोडाफोन के दिल्ली और मुम्बई स्थित कार्यालयों, पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष और केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय में पूर्व उप महानिदेशक जे.आर. गुप्ता के आवासों पर शनिवार सुबह छापा मारा।

सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री प्रमोद महाजन के कार्यकाल में निजी कम्पनियों को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन से सम्बंधित एक मामला दर्ज किया था।

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