हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की सम्पत्ति की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं अन्य एजेंसियों से प्रारम्भिक जांच के आदेश दिए। 

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गुलाम मोहम्मद और न्यायमूर्ति एन. राममोहन राव की खंडपीठ ने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय एवं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मुहरबंद लिफाफे में तीन माह के भीतर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा।

अदालत ने ये आदेश दिवंगत मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की विधवा वाई.एस. विजयलक्ष्मी की याचिका पर पारित किए।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की विधायक विजयलक्ष्मी ने आरोप लगाया है कि चंद्रबाबू नायडू ने अपने नौ वर्ष के कार्यकाल (1995-2004) के दौरान पद का दुरुपयोग कर भारी सम्पत्ति अर्जित की और फर्जीवाड़ा कर राज्य के राजकोष को नुकसान पहुंचाया।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि नायडू ने अपने पद का दुरुपयोग कर तथा मीडिया कारोबारी रामोजी राव का संवाहक के रूप में इस्तेमाल कर सम्पत्ति जुटाई।

खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका को स्वीकार किया कि याचिकाकर्ता ने नायडू द्वारा पद का दुरुपयोग करने का मामला उठाया है, इसलिए यह विचारणीय है।

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