नई दिल्ली ।। विपक्ष द्वारा लगातार बहिष्कार का सामना कर रहे केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के नाम सूचीबद्ध एक विधेयक को सोमवार को उनके कनिष्ठ मंत्री ने लोकसभा में पेश किया। यद्यपि इस कदम पर कुछ लोगों ने कानाफूसी की, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एम. रामचंद्रन द्वारा विधेयक पेश किया जाना एक सामान्य बात थी। यह विधेयक शस्त्र एवं गोला-बारूद के अधिग्रहण एवं हस्तांतरण के नियमन के लिए शस्त्र अधिनियम-1959 में संशोधन की बात करता है। 

लोकसभा की सोमवार की कार्यसूची में इस बात का जिक्र था कि चिदम्बरम शस्त्र (संशोधन) विधेयक-2011 पेश करेंगे। 

प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा, “विधेयक आमतौर पर कैबिनेट मंत्रियों के नाम सूचीबद्ध होते हैं और राज्य मंत्री विधेयक पेश करते हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि इसका विपक्ष के बहिष्कार से कुछ भी लेना-देना नहीं है।

जिस समय रामचंद्रन ने विधेयक पेश किया, उस समय चिदम्बरम सदन में मौजूद नहीं थे। विधेयक शांतिपूर्ण तरीके से पेश हुआ और इस पर विपक्षी सांसद एक-दूसरे की तरफ देखते हुए मुस्करा रहे थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने शीतकालीन सत्र के प्रारम्भ में ही तय कर लिया था कि 2004-08 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में चिदम्बरम की कथित संलिप्तता को लेकर संसद में उनका बहिष्कार किया जाएगा। 

विपक्ष के बहिष्कार के कारण ऐसे कई महत्वपूर्ण विधेयक खटाई में पड़ गए, जिन्हें चिदम्बरम शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश करने वाले थे। संसद का सत्र 22 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है। राजग के दलों ने सदन में चिदम्बरम को बोलने की अनुमति नहीं दी। 

पिछले सप्ताह जब चिदम्बरम ने नई दिल्ली नगर परिषद (संशोधन) विधेयक-2010 पेश किया तो भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और उनके खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के कारण चिदम्बरम का वक्तव्य तो नहीं सुनाई दिया, लेकिन विधेयक पारित हो गया था। 

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