नई दिल्ली ।। मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवारों द्वारा भुगतान कर अपने बारे में खबर प्रकाशित कराना चुनावी कदाचार माना जाएगा और इसके लिए दो साल की सजा हो सकती है।

कुरैशी ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग ने इसकी अनुशंसा केंद्र सरकार से की है।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘पेड न्यूज’ पर आयोजित एक परिचर्चा में कुरैशी ने कहा कि करीब 10 दिन पहले आयोग ने चुनावी कवरेज को लेकर उन टेलीविजन चैनलों को दिशनिर्देश जारी किए हैं जिन पर मालिकाना हक राजनीतिक पार्टियों अथवा राजनेताओं के परिवार के सदस्यों का है।

कुरैशी ने कहा कि आयोग के समक्ष ‘पेड न्यूज’ की समस्या वर्ष 2009 में आई।

उन्होंने कहा, “कई वर्षो के राजनीतिक सुधारों के बाद जब हमने सोचा कि हमने प्रक्रिया को साफ-सुथरा बना दिया है लेकिन अब हमारे सामने पहले न देखी गईं स्थितियां..असीमित धन का इस्तेमाल, राजनीति का अपराधीकरण और पेड न्यूज उपस्थित हो गई हैं।”

परिचर्चा में भाग लेते हुए प्रसार भारती की अध्यक्ष मृणाल पांडे ने मीडिया समूहों पर मालिकाना हक के स्वरूप के मुद्दे को उठाया। इसके अलावा चर्चा में समाचार पत्र ‘मिंट’ के सम्पादक आर. सुकुमार और एनडीटीवी के प्रबंध सम्पादक पंकज पचौरी ने भी अपने विचार रखे।

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