नई दिल्ली/शिमला ।। हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह ने राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, हिमाच्छादित क्षेत्रों और इन क्षेत्रों में विकास कार्यो पर आने वाली अधिक लागत को ध्यान में रखते हुए सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को और वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2011-12 में प्रदेश के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत तिब्बत सीमा पर चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां चिंता का विषय है जिसके मद्देनजर सीमा पर असैनिक व पुलिस प्रतिष्ठानों को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है। इसके अलावा क्षेत्र के तीव्र विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों की सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितयों में सुधार हो सके।

नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेते हुए उर्मिला सिंह ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र तिब्बत व चीन अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ सटे हैं जहां संचार का प्रमुख साधन सड़कें हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 21 व 22 का रखरखाव सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जा रहा है और सामरिक महत्व को देखते हुए दोनों राष्ट्रीय राजमार्गो का निरंतर रखरखाव जरूरी है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को ब्रॉडगेज रेल लाइन के जरिए लेह से जोड़ने की भी आवश्यकता है, ताकि सुरक्षा बलों के साथ-साथ प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की आवाजाही सुनिश्चित हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि 13वें वित्त आयोग द्वारा प्रतिकूल आवंटन किए जाने से हिमाचल प्रदेश प्रभावित हुआ है। आयोग ने 12वें वित्त आयोग के अवार्ड पर प्रदेश को केवल 50 प्रतिशत वृद्धि दी है, जबकि कुछ अन्य राज्यों की वृद्धि 126 प्रतिशत है।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here