नई दिल्ली ।। भारत-चीन सीमा पर बीजिंग द्वारा सैन्य आधारभूत संरचना बनाने और अपनी रक्षा क्षमताओं में विस्तार को लेकर सरकार ने चिंता जताई है। साथ ही यह भी कहा कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल से चिंतित नहीं है।

रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “चीन हमारे साथ लगती सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता में विस्तार और सैन्य आधारभूत संरचना का निर्माण कर रहा है। हम इसके प्रति सचेत हैं और इसे लेकर चिंतित हैं।”

वहीं, हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि नई दिल्ली इसे लेकर बहुत चिंतित नहीं है। उनकी यह प्रतिक्रिया पिछले सप्ताह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) सम्मेलन से पहले बीजिंग द्वारा मालदीव में नया दूतावास खोलने पर आई है।

एंटनी ने कहा, “आप किसी भी देश को दुनिया के किसी अन्य देश में दूतावास खोलने या उससे सम्बंध प्रगाढ़ करने से कैसे रोक सकते हैं? हम भी प्रत्येक देश में दूतावास स्थापित कर रहे हैं और उनसे सम्बंध बना रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “भारत भी पूर्वी क्षेत्र में अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार तथा आधारभूत संरचना का निर्माण कर रहा है। लेकिन यह किसी देश के साथ संघर्ष के लिए नहीं, बल्कि पूर्वी क्षेत्र में अपने भूभाग को बचाने के लिए है। हम पूर्वी क्षेत्र को मजबूत बनाएंगे।”

चीन के साथ द्विपक्षीय रक्षा सम्बंधों को लेकर एंटनी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई और कहा कि रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा अगले साल अपने चीनी समकक्ष से बातचीत करेंगे, जबकि दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन तंत्र इस साल के आखिर में अस्तित्व में आएगा।

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