नई दिल्ली ।। दिल्ली सरकार ने सोमवार को विभिन्न कॉलोनियों के सर्किल रेट में 15 से 250 फीसदी की वृद्धि कर दी। जानकारों ने इसका स्वागत करते हुए इसे सही दिशा में उठाया गया कदम कहा। सर्किल रेट वह कीमत है, जिससे कम पर किसी भूमि की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने यहां मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “सर्किल रेट ए श्रेणी की कॉलोनी में 250 फीसदी और आखिरी एच श्रेणी की कॉलोनी में 15 फीसदी बढ़ाया गया है।”

ए श्रेणी के अंतर्गत फ्रेंड्स कॉलनी, नेहरू प्लेस, ग्रीन पार्क और ग्रेटर कैलाश जैसी पॉश कॉलोनियां आती हैं।

ए श्रेणी का सर्किल रेट 86,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़ाकर 2,15,000 रुपये कर दिया गया। बी श्रेणी कॉलनियों में 100 फीसदी वृद्धि करते हुए इसे 68,200 रुपये से बढ़ाकर 1,36,400 रुपये कर दिया गया।

सी श्रेणी में इसे 54,600 रुपये से बढ़ाकर 1,09,200 रुपये कर दिया गया। डी श्रेणी में इसे 43,600 रुपये से बढ़ाकर 87,200 रुपये कर दिया गया। ई श्रेणी में इसे 36,800 रुपये से बढ़ाकर 47,840 रुपये कर दिया गया।

एफ और जी श्रेणी कॉलनियों में नई दर क्रमश: 38,640 रुपये और 31,510 रुपये होगी। एच श्रेणी में इसे 13,800 रुपये से बढ़ाकर 15,870 रुपये कर दिया गया।

सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले में पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर भूमि की खरीद-बिक्री को अमान्य कर दिया है। सर्किल रेट बढ़ाए जाने से जहां खरीद बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं सरकार को होने वाला राजस्व का नुकसान भी घटेगा।

दीक्षित ने कहा कि भूमि की खरीद-बिक्री में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर दो सालों पर सर्किल रेट में संशोधन करने का भी फैसला किया।

रियल्टी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सर्किल रेट बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया है।

रियल्टी प्लस पत्रिका के सम्पादक विनोद बहल ने कहा, “सरकारी सर्किल रेट और वास्तविक कीमत में भारी अंतर को देखते हुए सरकार का फैसला सराहनीय है। यह अंतर नोएडा और गुड़गांव में अधिक है।”

बहल ने आईएएनएस से कहा कि इससे भूमि की खरीद-बिक्री में काले धन का उपयोग घटेगा और जरूरतमंद खरीददारों का इसका लाभ मिलेगा।

वैचारिक संस्था रिक्स दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक सचिन संधीर ने कहा कि सर्किल रेट बढ़ाया जाना सही दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि इससे बाजार में एक व्यवस्था कायम होगी।

उन्होंने कहा कि सर्किल रेट में 250 फीसदी वृद्धि का हालांकि बाजार की संवेदना पर बुरा असर भी पड़ सकता है और खरीददार हतोत्साहित हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जरूरतमंद खरीददारों का इसका फायदा मिल सकता है क्योंकि अब वे अधिक आवासीय ऋण ले सकते हैं, जो आम तौर पर भूमि की कीमत का 80 से 85 फीसदी ही होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किल रेट बढ़ने से दिल्ली नगर निगम की आय भी खुद-ब-खुद बढ़ जाएगी। नई दर के मुताबिक नगर निगम की कुल आय इस मद से 700 से 800 करोड़ रुपये हो सकती है।

इसी साल फरवरी माह में भी सरकार ने सर्किल रेट में 100 फीसदी की वृद्धि की थी। अधिकारियों ने कहा कि भूमि सौदे में काले धन के बढ़ने के कारण यह कदम उठाया गया है।

सर्किल रेट सबसे पहले 18 जुलाई 2007 को लागू किया गया था।

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