नई दिल्ली/चेन्नई/तिरुवनंतपुरम ।। मुल्लापेरियार बांध विवाद को खत्म करने की कवायद तेज हो गई है। तमिलनाडु सरकार जहां केंद्र द्वारा प्रायोजित द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हो गई है, वहीं मुद्दे के समाधान की मांग को लेकर केरल के दो मंत्री सोमवार को अनशन पर बैठ गए।

उधर, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति ने इसी महीने बांध स्थल का दौरा करने का निर्णय लिया है। इस बीच केरल-तमिलनाडु सीमा पर सोमवार रात दोनों प्रदेशों के लोगों के बीच झड़प हो गई। इसे देखते हुए केरल पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। 

केरल के जल संसाधन मंत्री पी.जे. जोसफ दिल्ली के राजघाट पर अनशन के लिए चले गए, जबकि राजस्व मंत्री के.एम. मणि ने राज्य के इडुक्की जिले में स्थित बांध स्थल पर अनशन शुरू कर दिया। 

मुद्दे का हल निकालने की दिशा में पहल के तहत केरल और तमिलनाडु के अधिकारी 15 या 16 दिसम्बर को बैठक कर केरल में स्थित 116 वर्ष पुराने बांध की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। केरल में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस बांध को राज्य पर लटकती ‘दोधारी तलवार’ करार दिया है।

सोमवार को हुई बैठक में कांग्रेस पार्टी की राज्य कार्यकारिणी इस निष्कर्ष पर पहुंची कि सबसे पहले मुल्लापेरियार बांध के जलस्तर को घटाकर 136 फीट से 120 फीट किया जाए और फिर नए बांध के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया जाए।

राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रमेश चेन्निथला ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह बांध कई वर्षो से केरल के ऊपर दोधारी तलवार की तरह लटक रहा है। बांध और उसके इर्द-गिर्द की जमीन में कई बार कम्पन हो चुका है। इडुक्की और चार पड़ोसी जिलों के लोग दहशत के साये में जी रहे हैं। नए बांध का निर्माण ही इसका एकमात्र समाधान है।”

इसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ओमन चांडी पिछले हफ्ते दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे और इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। 

ज्ञात हो कि केरल के इडुक्की जिले में मुल्लापेरियार बांध का निर्माण 1886 में त्रावणकोर के तत्कालीन महाराजा और उस समय के ब्रिटिश राज के बीच समझौते के तहत हुआ था। यह बांध तो हालांकि केरल में है, लेकिन इसका पानी तमिलनाडु को मिलता है।

उधर, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने सोमवार को कहा कि केरल में स्थित मुल्लापेरियार बांध पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती के सम्बंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र का जवाब आना अभी बाकी है।

उन्होंने बांध के मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की जरूरत से इंकार किया।

यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैंने बांध की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री को सीआईएसएफ की तैनाती के लिए लिखा है लेकिन उनका जवाब अभी आना है।”

जयललिता ने रविवार को पड़ोसी राज्य केरल में स्थित एक सदी पुराने बांध पर भीड़ के हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री से वहां सीआईएसएफ की तैनाती का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा था।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर जयललिता ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि इस मसले पर सभी पार्टियों में एका है।

उन्होंने यह भी कहा कि केरल सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि केरल के इडुक्की जिले में स्थित इस बांध का पानी तमिलनाडु को मिलता है। तमिलनाडु सरकार सिंचाई के लिए पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए बांध में जलस्तर 136 फीट से बढ़ाकर 142 फीट करने की मांग कर रही है। दूसरी ओर केरल सरकार एक सदी पुराने इस बांध को असुरक्षित बताते हुए नए बांध के निर्माण पर जोर दे रही है।

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